लखनऊः उत्तर प्रदेश में शराब के शौकीनों के लिए यह सप्ताह अच्छे दिन लाने वाला साबित हो रहा है. सूबे के हर जिले में अधिकांश शराब की दुकानों में एक बोतल की कीमत पर दो बोतल शरण मिल रही है. यानी शराब की दुकानों पर ‘बाय वन गेट वन फ्री’का आफ़र चल रहा है. पहली बार यह आफ़र खुल कर पूरे प्रदेश में चल रहा है तो इसकी वजह है आगामी एक अप्रैल से राज्य में नई आबकारी नीति के तात शुरू होने वाले नया वित्तीय वर्ष. जिसके चलते प्रदेश में शराब की नई दुकानों से शराब की बिक्री शुरू होगी. शराब के नए ठेके चालू हो जाएंगे. अगर कोई पुराने शराब ठेकेदार को नया शराब ठेका नहीं मिला होगा तो उसे अपना ठेका या अपनी शराब की दुकान बंद करनी होगी. ऐसे में सभी शराब दुकानदार और ठेकेदारों ने अपनी दुकान और ठेके में भरे स्टॉक को खाली करने में जुटे हैं.
इस कारण अधिकाश शराब की दुकानों में ‘बाय वन गेट वन फ्री’का आफ़र चल रहा है. तो कुछ शराब ठेकों पर शराब की कीमत ही आधी कर दी गई तो शराब के शौकीन लोग भी इस अवसर का लाभ उठाने में जुट गए हैं. राज्य के आबकारी विभाग की जानकारी में यह सब हो रहा है. राज्य के आबकारी आयुक्त आदर्श कुमार सिंह के अनुसार, उन्हे शराब की बिक्री को लेकर शराब की दुकानों पर चल रहे आफ़र के बारे में पता चला है. इस पर हर जिले के जिला आबकारी अधिकारी को कहा गया है कि वह इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई करे.
इसके बाद भी शराब की दुकानों पर ‘बाय वन गेट वन फ्री’खुलेआम चल रहा है और वह 31 मार्च तक जारी भी रहेगा क्योंकि शराब के दुकानदार को आवंटित शराब ठेके का राजस्व सरकार को देना ही होगा. इसलिए शराब के दुकानदार और शराब के ठेकेदार आवंटित शराब कोटे के तहत शराब, बीयर और वाइन को सस्ते में बेच रहे हैं ताकि उनका कम से कम नुकसान हो. शराब दुकानदारों और शराब के ठेकों पर मिल रही कम कीमत की ब्रांडेड शराब को पाने के लिए शराब के शौकीन कई-कई बोतल शराब, बीयर और वाइन खरीदते नजर आ रहे हैं.
इस कारण हर जिले में शराब की दुकानों में पहले के मुक़ाबले अधिक भीड़ नजर आ रही हैं. लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, इटावा, कन्नौज, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फर नगर, अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, गजीपुर, बलिया, सुल्तानपुर, प्रयागराज, फ़तेहपुर आदि मुरादाबाद, गाजीपुर आदि जिलों में शराब की दुकानों पर लोग सस्ती शराब खरीदने की लिए आतुर हो रहे हैं.
60,000 करोड़ रुपए आबकारी राजस्व पाने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश में शराब की 27,308 दुकाने हैं. इन 27,308 दुकानों में से 26,994 दुकानों का आवंटन नई आबकारी नीति के तहत हुआ है. इनमें बीयर की 5,900 दुकानें हैं. दूसरे दौर के लिए अब केवल 314 दुकानें बची. नई आबकारी नीति के तहत अब तक जिन 26,994 दुकानों का आवंटन हुआ है, उसमे 15,609 देसी शराब की दुकानें हैं.
9,341 अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकानें हैं जिन्हे कम्पोजिट शॉप का नाम दिया गया है. इसके अलावा 1,317 भांग की दुकानें तथा 430 मॉडल दुकानें हैं. इन देशी मदिरा, कम्पोजिट शॉप, मॉडल शॉप एवं भांग की फुटकर दुकानों का ई-लॉटरी के जरिए आवंटन हुआ है.
शराब की इन दुकानों से योगी सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में 60,000 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है. जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 58,310 करोड़ रुपए आबकारी राजस्व के रूप में प्राप्त करने का लक्ष्य था.