लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानो की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादन में इजाफा करने के बड़े बड़े दावे करती है. परन्तु प्रदेश में कृषि विकास को गति देने के लिए सरकार की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में कृषि विभाग ही सुस्ती दिखा रहा है. यह खुलासा भी लोकसभा की भीतर समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद प्रिया सरोज के पूछे गए एक प्रश्न से हुआ है.
सांसद प्रिया सरोज ने यूपी के जिलों में कृषि विकास अधिकारियों की उपलब्धता को लेकर प्रश्न किया था, जिसके जवाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि यूपी में किसानों की सहायता करने और किसानों तक कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए कृषि अधिकारियों के 303 में से 273 पद खाली पड़े हुए हैं. यूपी के सिर्फ 25 जिलों में ही कृषि अधिकारी तैनात हैं, 50 जिलों में कृषि विस्तार अधिकारी के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं.
इसके बाद भी सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही इन पदों को भरने को लेकर बेफिक्र हैं. फिलहाल कृषि विभाग के आला अफसर विभाग के कार्यक्रमों और योजनाओं के संचालन के लिए जिलों में तैनात ब्लाक प्रौद्योगिकी प्रबंधक (बीटीएम) और सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक (एटीएम) का सहारा ले रहा है, परंतु इससे कृषि विस्तार अधिकारियों की कमी पूरी नहीं हो पा रही है. जिसके चलते किसान परेशान हैं.
ऐसे हुआ खुलासा
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य जहां 233.25 लाख कृषक करीब 165.98 लाख हैक्टेयर भूमि पर खेती करते हो, वहां किसानों तक सरकार ही छोटी बड़ी योजनाओं के बारे में किसानों को जानकारी देने का सेटअप इस कदर खोखला होगा, इसका कल्पना सपा सांसद प्रिया सरोज ने नहीं की थी.उन्होंने ने तो अपनी एक साथी सांसद के जिले में कृषि विकास अधिकारी न होने को लेकर सरकार के प्रश्न किया था.
जिसका उत्तर देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि यूपी के हर जिले में कृषि विस्तार अधिकारियों के दो से लेकर आठ पद तक स्वीकृत हैं, परंतु वर्तमान में कुल 303 पदों के सापेक्ष केवल 30 पद ही भरे हैं. इन 30 अधिकारियों की 25 जिलों में ही तैनाती है. पांच जिलों में दो-दो अधिकारी तैनात हैं.
इस कारण से जिला स्तर पर किसानों के प्रशिक्षण, कृषि विस्तार कार्यक्रमों और योजनाओं के संचालन में मुश्किल आ रही है. किसानों की परेशानी का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार ने केंद्र की प्रायोजित स्कीम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) योजना के तहत 810 बीटीएम और 1799 एटीएम नियुक्त किए हैं.
इन बीटीएम और एटीएम की मदद से किसानों तक सरकार ही योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जा रही है. राज्य के कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी से जल्दी ही कृषि विकास अधिकारियों के खाली पदों को भरने की भी बात कही है, लेकिन इसके लिए वह कोई समय नहीं बता सके.
कृषि मंत्री का विभाग में नहीं लग रहा मन : सांसद
फिलहाल प्रिया सरोज का कहना है कि सूबे के कृषि मंत्री वर्ष 2017 से लगातार कृषि मंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होने सूबे के कृषि विकास अधिकारी के पदों को भरने में कोई रुचि दिखाई ही नहीं है. जाहिर है उनकी रुचि इस विभाग में नहीं है, यही वजह है कि हर साल सूबे के किसान खाद की किल्लत से जूझते हैं. मेहनत से उगाए गए धान और गेहूं को बेचने के लिए परेशान होते हैं.
क्योंकि उनकी मदद के लिए जिलों में तैनात किए जाने वाले कृषि विकास अधिकारी के पद पर अधिकारी ही तैनाती लंबे समय से की ही नहीं गई है. प्रिया सरोज का कहना है कि सीएम योगी को अपने मंत्री से पूछना चाहिए कि क्यों सूबे के 50 जिलों में कृषि विकास अधिकारी की तैनाती नहीं हो रही है और कृषि मंत्री ने इन पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाया है.
इन 25 जिलों में ही कृषि विकास अधिकारी की तैनाती है
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