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UPI: यूपीआई बेहद सफल, सिंगापुर और यूएई सहित कुछ देशों में पहले से ही चालू, गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- दुनिया की सबसे अच्छी भुगतान प्रणाली, 100 अरब का आंकड़ा पार किया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 11, 2024 5:49 PM

UPI: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई बेहद सफल रहा है।

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ठळक मुद्देसिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कुछ देशों में पहले से ही चालू है।देश में इसका मासिक लेनदेन कई महीने पहले 100 अरब का आंकड़ा पार कर गया था। आरबीआई अन्य देशों के और केंद्रीय बैंकों के साथ भी चर्चा कर रहा है।

UPI: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ हलकों की उस आलोचना को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया कि जिसमें दावा किया गया था कि यूपीआई की भारी सफलता के बाद इसके निर्माता एनपीसीआई का ‘एकाधिकार’ हो गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भुगतान ऐप के बढ़ने की अधिक गुंजाइश है और यह विश्व में अग्रणी बन सकती है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई बेहद सफल रहा है। यह सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कुछ देशों में पहले से ही चालू है। देश में इसका मासिक लेनदेन कई महीने पहले 100 अरब का आंकड़ा पार कर गया था। आरबीआई अन्य देशों के और केंद्रीय बैंकों के साथ भी चर्चा कर रहा है।

इस आलोचना को खारिज करते हुए कि आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा स्थापित एनपीसीआई एकाधिकार बन गया है, दास ने कहा कि यह सबसे बेहतरीन मंच है। दास ने बिजनेस दैनिक समाचार पत्र ‘मिंट’ द्वारा आयोजित बीएफएसआई संगोष्ठी में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘ यूपीआई पहले से ही एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बन चुका है।

वास्तव में इसे और बढ़ना है। मैं कहूंगा कि यह दुनिया की अभी तक की सबसे अच्छी भुगतान प्रणाली है और मैं चाहता हूं कि यह विश्व में भी अग्रणी बने।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि आरबीआई को एनपीसीआई का प्रतिद्वंद्वी होने से कोई गुरेज नहीं है और वास्तव में उसने इसके लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन भी तक उनके पास जो भी प्रस्ताव आए हैं।

उनमें से किसी में भी कुछ नया नहीं है। सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पर एक सवाल के जवाब में दास ने कहा कि आरबीआई डिजिटल रुपये की ‘प्रोग्रामेबिलिटी’ पर काम कर रहा है ताकि इसका इस्तेमाल सरकारी सब्सिडी या नकदी जैसे विशिष्ट भुगतानों के लिए किया जा सके।

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