लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज सदन में राज्य का बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट अब तक का राज्य का सबसे बड़ा बजट था जो 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का रहा। बजट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि अंत्योदय के प्रण व समग्र विकास के संकल्प को आकार देता यह बजट उ.प्र. को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेताओं अखिलेश यादव और मायावती ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बजट को दिशाहीन बताया। उन्होंने कहा, "यह बजट दिशाहीन दिखाई देता है. समस्याओं के समाधान का इसमें कोई जिक्र नहीं है. बजट में किसानों को निराश किया गया है. इस बजट ने नौजवानों और महिलाओं को निराश किया है। भाजपा 1 ट्रिलियन इकोनॉमी का सपना दिखाती है, मुख्यमंत्री जी बताएं कि यूपी की ग्रोथ रेट क्या है, मैं नहीं समझता की 1 ट्रिलियन इकोनॉमी बन पाएगी। सरकार ने बजट की कटौती की है।"
अखिलेश यादव ने आगे कहा,"यहां ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं है। यहां ईज ऑफ डूइंग क्राइम है। ईज ऑफ डूइंग मुकदमा है। आप अगर बोल देंगे तो मुकदमा हो जाएगा, गाना गा देंगे तो मुकदमा हो जाएगा। सच दिखा देंगे तो मुकदमा हो जाएगा। क्या इकाना से बेहतर एक स्टेडियम ये बना पाए हैं कहीं? आपने तो मुख्यमंत्री जी को क्रिकेट खेलते हुए देखा था, बल्ला कहां घुमा रहे थे, बॉल कहां से आ रही थी। जो मुख्यमंत्री क्रिकेट न खेल पाते हों, क्या उम्मीद करोगे कि वो खेल यूनिवर्सिटी बनाएंगे?"
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर के कहा, "यूपी सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा ज्यादा है। क्या इस अवास्तविक बजट से यहां की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।"
मायावती ने आगे कहा, "यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी है। बजट ऊंट के मुंह में जीरा है।"