नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए नए फॉर्मूले को मंजूरी दी। इसके साथ ही सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा भी तय की गई है, जिससे इनकी कीमतें 10 प्रतिशत तक घटेंगी।
सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने एपीएम गैस के लिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी है और अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर मुहर लगाई है।
उन्होंने बताया कि एपीएम गैस के रूप में जानी जाने वाली पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा। पहले इनका मूल्य निर्धारण गैस कीमतों के आधार पर होता था। इस फैसले के बाद एक अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 प्रतिशत होगी।
हालांकि, यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी। मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। उन्होंने बताया कि कीमतों का निर्धारण प्रत्येक महीने होगा, जबकि अब तक इनकी साल में दो बार समीक्षा की जाती थी। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी, जबकि सीएनजी में थोड़ी कम कमी होगी। पीएनजी और सीएनजी की दरें अगस्त 2022 तक एक साल में 80 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।
इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों के आधार पर तय होती हैं। इस फैसले के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमत 79.56 रुपये प्रति किलो से घटकर 73.59 रुपये प्रति किलो और पीएनजी की कीमत 53.59 रुपये प्रति हजार घन मीटर से घटकर 47.59 रुपये प्रति हजार घन मीटर हो जाएगी।
मुंबई में सीएनजी की कीमत 87 रुपये की जगह 79 रुपये प्रति किलोग्राम और पीएनजी की कीमत 54 रुपये की जगह 49 रुपये प्रति हजार घन मीटर होगी। भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम इस समय 85 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल है और इसका 10 प्रतिशत 8.5 अमेरिकी डॉलर है।
हालांकि, मूल्य सीमा के चलते एपीएम गैस के लिए ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को केवल 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कीमत मिलेगी। मंत्री ने कहा कि ये मूल्य सीमा दो साल के लिए होगी और उसके बाद हर साल 0.25 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से बढ़ोतरी होगी। गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले में बदलाव किरीट पारिख की अगुवाई में गठित एक समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 को मंजूरी दे दी। इसके तहत इसरो, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और निजी क्षेत्र की कंपनियों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं। सरकार ने पूर्व में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया था ताकि इस क्षेत्र में भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘संक्षेप में, यह नीति (हालिया समय में) स्थापित घटकों की भूमिका को लेकर स्पष्टता प्रदान करेगी।’’ उन्होंने कहा कि नीति का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग की भूमिका को बढ़ाना, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मिशन की गतिविधियों तथा अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप एवं उद्योग की बड़ी भागीदारी को बढ़ावा देना है।