नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को 2023-24 सीजन के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। धान (सामान्य किस्म) के लिए एमएसपी 2,040 रुपये प्रति 100 किलोग्राम से बढ़ाकर 2,183 रुपये कर दिया गया है।
ग्रेड ए किस्म के लिए इसे 2,060 रुपये से बढ़ाकर 2,203 रुपये कर दिया गया। बाजरा के लिए एमएसपी 2,350 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है। भारत में तीन फसली मौसम होते हैं - ग्रीष्म, खरीफ और रबी। जून-जुलाई में बोई जाने वाली और अक्टूबर-नवंबर में काटी जाने वाली फसलें खरीफ होती हैं।
सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 143 रुपये बढ़ाकर इस खरीफ सत्र में 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की बुधवार को घोषणा की जो पिछले एक दशक में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि है। इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में धान के एमएसपी में सर्वाधिक 200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई थी।
वर्ष 2023-24 की खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में 5.3 प्रतिशत से 10.35 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है। कुल मिलाकर एमएसपी को 128 रुपये से 805 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने फसल वर्ष 2023-24 में उगाई जाने वाली और खरीफ विपणन सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में खरीदी जाने वाली सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के एमएसपी को मंजूरी दे दी।
खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसानों को एमएसपी में वृद्धि से ऐसे समय में लाभ होगा जब खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट की प्रवृत्ति दिख रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कृषि में हम कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर समय-समय पर एमएसपी तय करते रहे हैं।
इस वर्ष खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है।’’ खरीफ अनाज में, 'सामान्य ग्रेड' धान का एमएसपी पिछले वर्ष के 2,040 रुपये से सात प्रतिशत (143 रुपये) बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं धान की 'ए' ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 2,060 रुपये प्रति क्विंटल से 143 रुपये बढ़ाकर 2,203 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
ज्वार (हाइब्रिड) और ज्वार (मालदंडी) का एमएसपी क्रमशः 3,180 रुपये और 3,225 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो वर्ष 2022-23 में 2,970 रुपये और 2,990 रुपये से क्रमश: सात प्रतिशत और 7.85 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2023-24 के लिए मक्का का एमएसपी 6.5 प्रतिशत बढ़कर 2,090 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है जबकि रागी का एमएसपी 7.49 प्रतिशत बढ़ाकर 3,846 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। अनाजों की कीमतों में दहाई अंक में वृद्धि होने के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि यह मुद्रास्फीति अन्य देशों की तुलना में कम है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह आय में वृद्धि के कारण अनाज की मांग में वृद्धि को दर्शाता है। दालों में मूंग का एमएसपी सबसे अधिक 10.35 प्रतिशत बढ़कर 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है जो वर्ष 2022-23 में 7,755 रुपये प्रति क्विंटल था।
अरहर का समर्थन मूल्य 6.06 प्रतिशत बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है जबकि उड़द का एमएसपी 5.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। तिलहन में तिल का एमएसपी वर्ष 2023-24 में 10.28 प्रतिशत बढ़कर 8,635 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
मूंगफली का एमएसपी नौ प्रतिशत बढ़ाकर 6,377 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। सोयाबीन (पीला) का एमएसपी 6.97 प्रतिशत बढ़ाकर 4,600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। नाइजर सीड का एमएसपी वर्ष 2023-24 में 6.13 प्रतिशत बढ़ाकर 7,734 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है जबकि सूरजमुखी बीज का एमएसपी 5.6 प्रतिशत बढ़ाकर 6,760 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
नकदी फसलों में, कपास (लांग स्टेबल) और कपास (मीडियम स्टेबल) का एमएसपी क्रमशः 7,020 रुपये प्रति क्विंटल और 6,620 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो वर्ष 2022-23 की तुलना में क्रमश: 10.03 प्रतिशत और 8.88 प्रतिशत अधिक है।
सरकार की तरफ से एक बयान में कहा गया कि उसने किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है।
बयान के मुताबिक, एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 में अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 (डेढ़) गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य किसानों के लिए यथोचित उचित पारिश्रमिक देना है।