Union Budget 2025: मध्यम वर्ग को कर राहत की उम्मीद?, 2025-26 के आम बजट से जुड़े 8 प्रमुख आंकड़े...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 30, 2025 16:34 IST2025-01-30T16:29:29+5:302025-01-30T16:34:21+5:30
Union Budget 2025: राजकोषीय घाटा: चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी।

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Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार 8वां बजट पेश करेंगी और सभी की निगाहें मध्यम वर्ग को मिलने वाली बहुप्रतीक्षित कर राहत पर होंगी। सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए दशकों से इस्तेमाल किए जा रहे चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे पारंपरिक 'बही-खाता' से बदल दिया था। इस साल का बजट पिछले तीन वर्षों की तरह कागज रहित रूप में होगा।
Union Budget 2025: वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट से जुड़े प्रमुख आंकड़े यहां दिए गए हैं-
* राजकोषीय घाटा: चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी।
* पूंजीगत व्यय: चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है। हालांकि, लोकसभा चुनावों के कारण पहले चार महीनों में सरकारी खर्च धीमा रहा, जिससे पूंजीगत व्यय चक्र में देरी हुई और चालू वित्त वर्ष के लिए अंतिम आंकड़े कम रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भी पूंजीगत व्यय की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है।
* ऋण की स्थिति: वित्त मंत्री ने अपने 2024-25 के बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 से आगे राजकोषीय घाटे को जीडीपी के प्रतिशत के रूप में लगातार कम किया जाएगा। इस बार बाजार की ऋण समेकन मसौदे पर नजर रहेगी। वर्ष 2024 में सामान्य सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात 85 प्रतिशत था, जिसमें केंद्र सरकार का ऋण 57 प्रतिशत है।
* उधार: वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार का सकल उधार बजट 14.01 लाख करोड़ रुपये था। सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए बाजार से उधार लेती है। उधारी संख्या पर बाजार की नजर रहेगी।
* कर राजस्व: 2024-25 के बजट में सकल कर राजस्व 38.40 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 11.72 प्रतिशत अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों से 22.07 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों से 16.33 लाख करोड़ रुपये का राजस्व शामिल हैं।
* जीएसटी: 2024-25 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11 प्रतिशत बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025-26 के जीएसटी राजस्व अनुमानों पर नजर रखी जाएगी, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में पिछले तीन महीनों में राजस्व वृद्धि धीमी रही है।
* चालू कीमतों पर जीडीपी: वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की चालू कीमतों पर जीडीपी वृद्धि (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.4 प्रतिशत रह सकती है।
* इसके अलावा सरकार को आरबीआई तथा वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मिलने वाले लाभांश तथा विनिवेश से होने वाली आय पर भी बाजार की नजर रहेगी।