Union Budget 2024: ब्याज सब्सिडी जैसे कर प्रोत्साहन की मांग, परिधान निर्माताओं को कर रियायतें दीजिए...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 26, 2024 04:50 PM2024-01-26T16:50:45+5:302024-01-26T16:51:24+5:30
Union Budget 2024: गैर-एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) विनिर्माता निर्यातकों के लिए शिपमेंट से पहले और बाद के निर्यात ऋण पर ब्याज समकारी योजना के तहत ब्याज समकरण दरों को तीन से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है।
Union Budget 2024: परिधान निर्यातकों के संगठन एईपीसी ने घरेलू विनिर्माण और भारत की निर्यात खेप को बढ़ावा देने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में एकरूपता और बढ़ी हुई ब्याज सब्सिडी जैसे कर प्रोत्साहन की मांग की। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने पर्यावरण, सामाजिक और कंपनी में कामकाज के संचाल (ईएसजी) और अन्य अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों तथा अनुपालन को अपनाने वाले परिधान निर्माताओं को कर रियायतें प्रदान करने के लिए कहा। परिषद ने भारत में निर्मित उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन के लिए बजटीय सहायता की भी मांग की।
बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है। परिषद ने कहा कि गैर-एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) विनिर्माता निर्यातकों के लिए शिपमेंट से पहले और बाद के निर्यात ऋण पर ब्याज समकारी योजना के तहत ब्याज समकरण दरों को तीन से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है।
परिषद ने कहा, ‘‘पूंजी की उच्च लागत निर्यातक समुदाय के लिए एक बड़ी बाधा रही है। एईपीसी ने सरकार से सभी परिधान निर्यातकों के लिए योजना के तहत दरों को पांच प्रतिशत तक बढ़ाने का अनुरोध किया है।’’ इसने कहा कि इससे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में परिधान उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता में वृद्धि होगी।
यह उन्हें आवश्यक कार्यशील पूंजी प्राप्त करने में सक्षम बनायेगा। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में इसने कहा गया है कि संपूर्ण एमएमएफ (मानव निर्मित फाइबर) मूल्य श्रृंखला (फाइबर, धागा और कपड़ा) पर केवल पांच प्रतिशत का एक समान कर लगाया जाना चाहिए।