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बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, रक्सौल, वाल्मीकिनगर और बिहटा से ‘उड़ान’ योजना शुरू, बिहार के लोगों के लिए हवाई यात्रा सुलभ

By एस पी सिन्हा | Updated: August 5, 2025 19:06 IST

बिहार के सीमांचल, मिथिलांचल और तिरहुत जैसे क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

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ठळक मुद्देप्रत्येक हवाई अड्डे के लिए 25 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि आवंटित की गई है।काठमांडू, जनकपुर, राजविराज, विराटनगर और भैरहवा के लिए उड़ानें शुरू होंगी।वाल्मीकिनगर से काठमांडू और भैरहवा और बिहटा से काठमांडू के लिए सीधी उड़ानें होंगी।

पटनाः भारत सरकार की ‘उड़ान’ योजना और बिहार सरकार के सहयोग से बिहार के लोगों के लिए हवाई यात्रा को सुलभ बनाने के लिए स्पिरिट एयर ने आठ शहरों (बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, रक्सौल, वाल्मीकिनगर और बिहटा) से उड़ान शुरू करने की घोषणा की है। ये उड़ानें मार्च 2026 से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे महानगरों को जोड़ेंगी। बिहटा से पटना, जमशेदपुर और बोकारो के लिए भी सीधी उड़ानें होंगी। बिहार में हवाई अड्डों पर तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है और प्रत्येक हवाई अड्डे के लिए 25 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि आवंटित की गई है।

यह पहल बिहार के सीमांचल, मिथिलांचल और तिरहुत जैसे क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। वहीं, स्पिरिट एयर की तीसरे चरण की योजना में अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी शामिल है, जिसमें बिहार से नेपाल के शहरों जैसे काठमांडू, जनकपुर, राजविराज, विराटनगर और भैरहवा के लिए उड़ानें शुरू होंगी।

मुजफ्फरपुर से काठमांडू और जनकपुर, बीरपुर से राजविराज और विराटनगर, वाल्मीकिनगर से काठमांडू और भैरहवा और बिहटा से काठमांडू के लिए सीधी उड़ानें होंगी। ये उड़ानें छोटे विमानों आईलैंडर बीएन2टी-48 (8 सीट, छोटे रनवे के लिए उपयुक्त) और किंग एयर 250 (हाई परफॉर्मेंस, प्रेशराइज्ड केबिन) के जरिए संचालित होंगी जो मेडिकल इमरजेंसी और कार्गो ढुलाई में भी सक्षम हैं।

स्पिरिट एयर का मुख्यालय बेंगलुरु में है और यह रिटायर्ड एयर इंडिया अधिकारियों की 30 साल से अधिक अनुभव वाली टीम द्वारा संचालित किया जाता है। यह कंपनी ‘उड़ान’ योजना के तहत बिहार के छोटे हवाई अड्डों से उड़ानें शुरू करेगी, जिनका विकास भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कर रहा है।

इधर बिहटा जो पटना से 30 किमी दूर है उसे 1410 करोड़ रुपये की लागत से 2027 तक पूर्ण विकसित हवाई अड्डे में बदला जाएगा, जिसके बाद यह ए321 और बी737 जैसे विमानों को भी संभालेगा। अन्य हवाई अड्डों में रनवे, टर्मिनल और एटीसी सुविधाओं का निर्माण 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

यह योजना हवाई यात्रा को सस्ता और सुलभ तो बनाएगी ही पर साथ में बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी गति देगी। सहरसा के मखानों और मधुबनी की मिथिला पेंटिंग जैसे स्थानीय उत्पादों को नए बाजार मिलेंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बिहार सरकार ने 495 करोड़ रुपये बिरपुर, रक्सौल और दरभंगा के सिविल एन्क्लेव के लिए आवंटित किए हैं। जबकि केंद्र ने राजगीर, भागलपुर और सोनपुर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को मंजूरी दी है।

टॅग्स :DGCAनेपालnepalCivil Aviation
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