ट्रक और बस बनाने वाली अशोक लीलैंड कंपनी फंसी मनी लांड्रिंग मामले में, ईडी करेगी जांच

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 30, 2022 18:19 IST2022-11-30T18:12:18+5:302022-11-30T18:19:20+5:30

38 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग मामले में फंसी अशोक लीलैंड कंपनी पर आरोप है कि उसके द्वारा बिक्री किये गये वाहनों में जिस तरह के प्रदूषण रोधी मानदंडों का प्रयोग किया जाना था, वह नहीं हुआ था।

Truck and bus maker Ashok Leyland company trapped in money laundering case, ED will investigate | ट्रक और बस बनाने वाली अशोक लीलैंड कंपनी फंसी मनी लांड्रिंग मामले में, ईडी करेगी जांच

फाइल फोटो

Highlightsदेश की प्रमुख कॉमर्शियल व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज कंपनी अशोक लीलैंड पर मनी लांड्रिंग का आरोपअशोक लीलैंड पर कथिततौर से 38 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग आरोपों की जांच करेगी ईडीकंपनी पर आरोप है कि उसने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय प्रदूषणरोधी बीएस-4 मानदंडों का उलंघन किया है

दिल्ली: देश की प्रमुख कॉमर्शियल व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज कंपनी अशोक लीलैंड पर कथिततौर से 38 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग का आरोप लगा है, जिसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जाएगी। खबरों की माने तो ट्रक और बस बनाने के लिए विख्यात अशोक लीलैंड कंपनी पर आरोप है कि उसके द्वारा बिक्री किये गये वाहनों में जिस तरह के प्रदूषण रोधी मानदंडों का प्रयोग किया जाना था, वह नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार अनिवार्य प्रदूषणरोधी मानदंडों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किया गया है।

इस संबंध में अब तक मिली सूचना के अनुसार ईडी ने अशोक लीलैंड मनी लांड्रिंग प्रकरण में आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी के पूर्व विधायक जेसी प्रभाकर रेड्डी और उनके परिवार के सदस्यों से बीते कुछ महीनों में कई बार पूछताछ भी की जा चुकी है। मालूम हो कि अशोक लिलैंड पर मुख्य आरोप है कि उसने 1 अप्रैल 2017 से तत्कालीन नवीनतम बीएस-4 मानदंडों को पूरा किये बगैर दो कंपनियों दिवाकर रोड लाइन्स और जटाधारा इंडस्ट्रीज ने अशोक लीलैंड से स्क्रैप के तौर कुछ बीएस-3 ट्रकों को खरीदा था। जांच एजेंसी ईडी का कहना है कि साल 2018 में उन फर्मों ने नागालैंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में रजिस्टर्ड होने के लिए इनवॉइस पर तारीखें दर्ज की थी।

इसके साथ ही ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये दोनों कंपनियां तेलगूदेशम पार्टी के पूर्व विधायक जेसी प्रभाकर रेड्डी की हैं। उसके अलावा उन कंपनियों में रेड्डी के करीबी सहयोगी गोपाल रेड्डी, आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के एक सिविल ठेकेदार और उनके परिवार के सदस्यों का भी शेयर है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जांच एजेंसी ईडी पूरे घोटाले में मैसर्स अशोक लीलैंड की भूमिका सहित अन्य कंपनियों की भूमिका की गंभीरता से पड़ताल कर रही है।

दरअसल अशोक लिलैंड कंपनी इस मामले में इस वजह से फंस गई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2017 में आदेश जारी किया था कि भारत में 1 अप्रैल 2017 से किसी भी निर्माता या डीलर द्वारा बीएस- 4 मानदंडों का पालन नहीं करने वाले वाहनों को नहीं बेचा जा सकता है। ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन अधिकारियों को पास करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।

 

Web Title: Truck and bus maker Ashok Leyland company trapped in money laundering case, ED will investigate

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