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असम की नयी सरकार का पहला बजट; नया कर नहीं, रोजगार के एक लाख अवसर का वादा

By भाषा | Updated: July 16, 2021 22:42 IST

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गुवाहाटी, 16 जुलाई असम में हेमंत बिश्व शर्मा की सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में 201-22 का बजट पेश किया। बजट में एक लाख नये सरकारी रोजगर सृजित करने का प्रस्ताव है और कोई नया कर नहीं लगाया गया है। चालू वित्त वर्ष में 566 करोड़ रुपये का बजटीय घाटा रहने का अनुमान लगाया गया है।

यह हेमन्त बिश्व शर्मा की अगुवाई वाली सरकार का पहला बजट है।

राज्य की पहली महिला वित्त मंत्री अजंता नियोग ने बजट पेश किया। इसमें सरकारी स्कूलों के नौवीं और 10वीं के छात्रों को स्मार्ट फोन देने, 50 नई सीमा चौकी बनाने, कृषि आयोग गठित करने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिये मवेशियों में कृत्रिम गर्भाधान शुरू करने के प्रस्ताव किये गये हैं।

शर्मा ने बजट को ‘जन केंद्रित’ बताया। उन्होंने कहा कि इसमें किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं है। इसके जरिये यह सुनिश्चत किया गया है कि कोविड-19 स्थिति से प्रभावित लोगों पर और बोझ नहीं पड़े।

उन्होंने कहा कि बजट में किये गये प्रस्तावों का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग का कल्याण है। साथ ही इसमें अगले पांच साल के विकास कार्यों की रूपरेखा तय की गई है।

हालांकि, विपक्षी दलों ने बजट की आलोचना करते हुए इसे ‘जनविरोधी’ बताया है। उनका कहना है कि इसमें मूल्य वृद्धि सहित मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए कोई वास्तविक प्रस्ताव नहीं है।

नियोग ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान नरमी के कारण कर विभाग का कर संग्रह घटकर 14,645 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 14,967 करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘...एक तरफ हम, कोविड महामारी से निपटने के लिये संसाधन जुटाने में लगे हैं, दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियां ठप होने (महामारी की रोकथाम के लिये पाबंदियों से) से राजस्व संग्रह पर असर पड़ा।’’

उन्होंने सदन को बताया कि कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर 3,501 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 1,920 करोड़ रुपये था।

बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए नियोग ने कहा कि 2021-22 में सकल राजस्व 2,89,770.68 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि कुल व्यय 2,89,367.10 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘अत: साल के दौरान 403.58 करोड़ रुपये की अधिशेष पूंजी होगी। वहीं पिछले साल का घाटा 969.78 करोड़ रुपये है। इससे बजटीय घाटा 2021-22 में 566.20 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’

रोजगार के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी चिंता का एक प्रमुख कारण है। इस समस्या के समाधान के लिये सरकार ने 11 मई को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में सरकारी क्षेत्रों में एक लाख युवाओं को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया था। इसे क्रियान्वित किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच पठन-पाठन के नुकसान को कम करने और डिजिटल अंतर को पाटने के लिए, सरकार कक्षा नौ और 10 के छात्रों को स्मार्टफोन प्रदान करेगी। इस योजना से लगभग आठ लाख छात्रों को लाभ होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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