ग्रेट रिसेशन के स्तर को पार कर गई टेक छंटनी, 2023 की शुरुआत तक इसके जारी रहने की संभावना
By मनाली रस्तोगी | Published: December 19, 2022 01:15 PM2022-12-19T13:15:41+5:302022-12-19T13:17:48+5:30
टेक छंटनी 2023 की शुरुआत तक जारी रहने की उम्मीद है। नवंबर के बाद से छंटनी के दौरान नौकरी में कटौती की संख्या कथित तौर पर 2008 के ग्रेट रिसेशन के दौरान दर्ज की गई संख्या से अधिक हो गई है।
नई दिल्ली: जब टेक छंटनी की बात आती है तो कोई राहत नजर नहीं आती है। इस साल टेक छंटनी से 1.5 लाख से अधिक लोग पहले ही प्रभावित हो चुके हैं। ऐसे में अब रिपोर्ट्स ने ये सुझाव दिया है कि छंटनी 2023 की शुरुआत तक जारी रहेगी। इस बार 2008 में ग्रेट रिसेशन के दौरान दर्ज की गई संख्या से अधिक नौकरी में कटौती की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
छंटनी पर नजर रखने वाली कंपनी Laoffs.fyi के नए आंकड़े और रिपोर्ट के अनुसार, कुल 986 तकनीकी कंपनियों ने नवंबर से अब तक लगभग 1,52,468 कर्मचारियों की छंटनी की है। यह संख्या अब बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि गूगल और इसकी मूल कंपनी अल्फाबेट इंक भी कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रही है।
जहां ग्रेट मंदी 2007 में शुरू हुई, लेहमन ब्रदर्स द्वारा दिवालिया घोषित किए जाने के बाद इसका पूर्ण प्रभाव पड़ा। रिपोर्टों के अनुसार, 2008 में लगभग 65,000 कर्मचारियों को निकाल दिया गया था और 2009 में इतने ही लोग और प्रभावित हुए थे। नवंबर के मध्य से 1.5 लाख से अधिक लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है और यह छंटनी जारी रहने की उम्मीद है।
जहां इन छंटनी के प्रमुख कारणों में से एक कोविड-19 महामारी के दौरान हुई हायरिंग बूम के कारण है तो वहीं एक अन्य कारण पश्चिमी दुनिया के लिए संभावित आर्थिक मंदी है, जिसके कारण छंटनी का न केवल टेक और आईटी उद्योग पर प्रभाव पड़ा है, बल्कि समाचार मीडिया, एडटेक, खाद्य सेवा कंपनियों और यहां तक कि वॉल स्ट्रीट पर भी प्रभाव पड़ा है।
छंटनी के दौरान कई टेक कंपनियों ने ऐलान किया कि ये फायरिंग कॉस्ट कटिंग के नाम पर की गई है। कथित तौर पर दुनिया एक बार फिर मंदी की ओर बढ़ रही है, कई कंपनियों ने 2023 और आने वाले वर्षों के लिए खुद को बनाए रखने के लिए छंटनी को एक प्रमुख रणनीति के रूप में बदल दिया। मार्केटवॉच की एक रिपोर्ट भी कुछ ऐसा ही रुख अपनाती है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, टेक कंपनियों द्वारा 2023 और उसके बाद भी व्यवहार्यता बनाए रखने के लिए छंटनी एक रणनीति है। अमेरिका में अब तक 73 हजार लोगों की छंटनी हो चुकी है, जबकि भारत में ये आंकड़ा 17,000 से अधिक का है। टेक छंटनी से कैंपस प्लेसमेंट और फ्रेशर्स के लिए नौकरी के अवसरों पर भी असर पड़ने की आशंका है क्योंकि कई कंपनियों ने भी हायरिंग पर रोक लगाने की घोषणा की है।