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तमिलनाडु, केरल ने कहा, जीएसटी व्यवस्था संघीय भावना के अनुरूप नहीं, राज्यों को हो रहा नुकसान

By भाषा | Updated: September 29, 2021 22:17 IST

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हैदराबाद, 28 सितंबर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है और राज्यों के लिए इसमें गुंजाइश काफी कम है। यह बात तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन और केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने बुधवार को कही।

त्यागराजन ने उपकर के नाम पर अप्रत्यक्ष कर संग्रह वसूलने और उसे राज्यों के साथ नहीं बांटने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हाल में उपकर का अनुपात कुल कराधान का 110 प्रतिशत से 124 प्रतिशत तक चला गया है।

उद्योग मंडल फिक्की के दक्षिण राज्यों के मंत्रियों के साथ ‘ऑनलाइन’ आयोजित दक्षिण भारत जीएसटी सम्मेलन में तमिलनाडु के मंत्री ने कहा, ‘‘... यह मेरे लिए आश्चर्य पैदा करता है कि यह कैसी डांवाडोल व्यवस्था (जीएसटी प्रणाली) है जो एक अरब से अधिक आबादी वाले देश और 40 करोड़ लोगों को सेवा देने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी टुकड़ों को एक जगह लाए हैं। एक चीज मेरे लिये बिल्कुल साफ है कि राज्यों की स्वायत्तता खोने की जो आशंका थी, यह सच साबित हुई है।’’

त्यागराजन ने कहा कि उन्होंने इस बारे में चिंता जतायी थी कि कैसे राज्य कराधान के मामले में लचीलापन या आजादी खो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी को व्यवस्था से जुड़े जोखिम या महामारी की तरह की समस्याओं से निपटने को लेकर तैयार नहीं किया गया था।

केरल के मंत्री ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था से पहले उनके राज्य की आय में सालाना वृद्धि 14 से 16 प्रतिशत थी। नयी कर व्यवस्था पेश होने के बाद, दो साल तक यह स्थिर रही और उसके बाद महामारी के कारण इसमें गिरावट आयी।

उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता डी राजा ने देश में जीएसटी लागू किये जाने का पुरजोर विरोध किया था और संबंधित संसदीय समिति के समक्ष लिखित रूप से अपनी असहमति जतायी थी।

बालगोपाल ने कहा, ‘‘जीएसटी संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैंने उस समय कहा था कि जीएसटी से सही मायने में संघवाद प्रभावित होगा।’’

उन्होंने कहा कि केरल केंद्र के मुकाबले डीजल पर कम कर वसूल रहा है। केंद्र सरकार उपकर के नाम पर 31 रुपये वसूल रहा है और केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में राज्यों के साथ उसे साझा नहीं किया जा रहा है।

कर्नाटक के उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी ने हालांकि कहा कि जीएसटी के कार्यान्वयन में एक लंबा रास्ता तय करना है, यह प्रणाली एनडीए सरकार के एक देश-एक कर मॉडल के हिस्से के रूप लायी गयी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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