उच्चतम न्यायालय ने लॉटरी, सट्टेबाजी, जुए पर जीएसटी लगाने को सही बताया

By भाषा | Updated: December 3, 2020 23:13 IST2020-12-03T23:13:41+5:302020-12-03T23:13:41+5:30

Supreme Court justifies GST on lottery, betting, gambling | उच्चतम न्यायालय ने लॉटरी, सट्टेबाजी, जुए पर जीएसटी लगाने को सही बताया

उच्चतम न्यायालय ने लॉटरी, सट्टेबाजी, जुए पर जीएसटी लगाने को सही बताया

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बृहस्पतिवार को लॉटरी, जुआ और शर्त के खेल पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वसूली को सही करार दिया। न्यायालय ने कहा कि यह संविधान के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन

नहीं करता और ना ही प्रतिकूल भेदभाव करता है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्किल लोडो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका को खारिज करते हुए केंद्रीय जीएसटी अधिनियम-2017 के तहत सरकार

को लॉटरी पर कर लगाने के लिए सशक्त बनाने वाले प्रावधान को बरकरार रखा।

इस पीठ में न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और एम. आर. शाह भी शामिल हैं।

कंपनी ने अपनी याचिका में केंद्रीय जीएसटी कानून की धारा-2(52) के तहत माल की स्पष्ट व्याख्या करने की मांग की थी। साथ ही लॉटरी पर कर लगाने के संदर्भ में जारी की गयी अधिसूचनाओं पर भी स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया था।

कंपनी ने अपनी याचिका में इसे संविधान के तहत व्यापार करने और समानता के अधिकार के संदर्भ में विभेदकारी और उल्ल्ंघन करने वाला बताने की घोषणा करने की मांग की थी।

न्यायालय ने कहा, ‘‘ अधिनियम की धारा-2(52) के तहत माल की परिभाषा संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करती। ना ही यह अनुच्छेद 366(12) के तहत माल की परिभाषा से टकराव पैदा करती है। अनुच्छेद-366 के 12वें उपखंड के तहत बतायी गयी माल की परिभाषा में धारा-2(52) की परिभाषा निहित है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘संसद के पास माल एवं सेवाकर के संदर्भ में कानून बनाने की पूरी शक्ति है।

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Web Title: Supreme Court justifies GST on lottery, betting, gambling

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