लाइव न्यूज़ :

इंदौर में सोयाबीन रिफाइंड के भाव में तेजी

By भाषा | Updated: March 15, 2021 17:42 IST

Open in App

इंदौर, 15 मार्च स्थानीय खाद्य तेल बाजार में सोमवार को सोयाबीन रिफाइंड के भाव पांच रुपये प्रति 10 किलोग्राम की तेजी शनिवार की तुलना में लिए रहे।

तिलहन

सोयाबीन 5500 से 5600,

सरसों (निमाड़ी) 5100 से 5200,

रायडा 5300 से 5400 रुपये प्रति क्विंटल।

तेल

मूंगफली तेल इंदौर 1550 से 1570,

सोयाबीन रिफाइंड इंदौर 1290 से 1295,

सोयाबीन साल्वेंट 1220 से 1225,

पाम तेल 1300 से 1305 रुपये प्रति 10 किलोग्राम।

कपास्या खली

कपास्या खली इंदौर 1775,

कपास्या खली देवास 1775,

कपास्या खली उज्जैन 1775,

कपास्या खली खंडवा 1750,

कपास्या खली बुरहानपुर 1750 रुपये प्रति 60 किलोग्राम बोरी।

कपास्या खली अकोला 2450 रुपये प्रति क्विंटल।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs SA 5th T20I: भारत ने 3-1 से जीती T20I सीरीज़, आखिरी मैच में दक्षिण अफ्रीका को 30 रन से हराया, वरुण चक्रवर्ती ने झटके 4 विकेट

भारतचुनाव वाले तमिलनाडु में SIR के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 97 लाख नाम हटा गए

बॉलीवुड चुस्कीBetting App Case: सट्टेबाजी ऐप मामले में उरावशी रौतेला, युवराज सिंह, सोनू सूद पर ईडी की कार्रवाई

क्रिकेट4,4,4,4,4,4,4,4,4,4,6 तिलक वर्मा की 73 रनों की शानदार पारी, पांचवा टी20 मैच

भारतGujarat: एसआईआर के बाद गुजरात की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, 73.7 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारविपक्ष फ्रस्ट्रेशन में हैं, कुछ भी बयान देते हैं, सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा-जनता ने कांग्रेस की नीतियों को पूरी तरह से नकार दिया

कारोबारगृह मंत्री की डेड लाइन से पहले हमने खत्म कर दिया नक्सलवाद, नक्सलियों के पास थे पाकिस्तानी सेना जैसे हथियार?, सीएम मोहन यादव ने विधानसभा में रखे विचार

कारोबारस्वास्थ्य क्षेत्र में 42000 नई नौकरी, मुख्यमंत्री यादव ने विधान सभा पटल पर रखा पक्ष

कारोबार5 साल में हवाई अड्डों कारोबार में 01 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना, अदाणी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अदाणी ने कहा-लाखों नौकरी की संभावना

कारोबारविधानसभा चुनाव में महिला को 10000 रुपये?,  मुफ़्त बिजली, महिलाओं को 2-2 लाख की मदद और लोकलुभावन वादों ने नीतीश सरकार की तोड़ी कमर?