विदेशों में गिरावट से सोयाबीन, सीपीओ, बिनौला तेल कीमतों में गिरावट, सरसों में सुधार

By भाषा | Published: August 30, 2021 07:53 PM2021-08-30T19:53:16+5:302021-08-30T19:53:16+5:30

Soybean, CPO, cottonseed oil prices fall due to fall abroad, improvement in mustard | विदेशों में गिरावट से सोयाबीन, सीपीओ, बिनौला तेल कीमतों में गिरावट, सरसों में सुधार

विदेशों में गिरावट से सोयाबीन, सीपीओ, बिनौला तेल कीमतों में गिरावट, सरसों में सुधार

विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सोयाबीन तेल तिलहन, बिनौला और कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल में गिरावट दर्ज हुई। वहीं मांग बढ़ने से सरसों तेल तिलहन में सुधार रहा। बाकी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज में एक प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में 1.8 प्रतिशत की गिरावट रही। उन्होंने कहा कि सलोनी, आगरा और राजस्थान के कोटा में सरसों की मांग बढ़ने के बीच सरसों दाना का भाव 8,600 रुपये से बढ़ाकर 8,700 रुपये क्विन्टल हो गया। उन्होंने कहा कि शनिवार को देश की विभिन्न मंडियों में करीब डेढ़ लाख बोरी सरसों की आवक थी जो सोमवार को घटकर 85,000 बोरी रह गई। इसके अलावा राजस्थान और हरियाणा से उत्तर प्रदेश में सरसों तेल की मांग निकलने से सरसों तेल तिलहनों के भाव मजबूत रहे। सूत्रों ने सोयाबीन के बारे में बताया कि महाराष्ट्र के सांगली में सोयाबीन की नई फसल की आवक शुरु हो गयी। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी मंडियों में सोयाबीन नई फसल की छिटपुट आवक शुरु हो गई। इससे सोयाबीन तेल तिलहनों के भाव टूटे हैं। उन्होंने कहा कि पामोलीन का आयात खोलने के बाद आयातकों के लिए कच्चा पामतेल मंगाकर उसका प्रसंस्करण करना महंगा सौदा बैठता है। कई प्रसंस्करण मिलें तो काम बंद कर चुकी हैं क्योंकि उनकी लागत अधिक बैठ रही है और वे अपनी पेराई क्षमता का पूरी तरह इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। सीपीओ और पामेलीन तेल कीमतों में गिरावट आने का यह मुख्य कारण है। सूत्रों ने कहा कि अगले बिजाई मौसम के लिए सरकार को हाफेड और नेफेड जैसी सहकारी संस्थाओं के माध्यम से सरसों बीज की हरियाणा के रेवाड़ी सहित अन्य स्थानों से बाजार भाव पर खरीद कर लेनी चाहिये ताकि त्योहार के मौसम में बाजार पर नियंत्रण रखा जा सके। उन्होंने कहा कि गिरावट के आम रुख के बीच बिनौला तेल में भी नरमी रही। बाकी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर रहे। बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल) सरसों तिलहन - 8,225 - 8,275 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये। मूंगफली - 6,820 - 6,965 रुपये। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,500 रुपये। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,385 - 2,515 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 16,700 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,575 -2,625 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,660 - 2,770 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,100 - 17,600 रुपये। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,000 रुपये। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,940 रुपये। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,620 रुपये। सीपीओ एक्स-कांडला- 11,950 रुपये। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,500 रुपये। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,500 रुपये।

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Web Title: Soybean, CPO, cottonseed oil prices fall due to fall abroad, improvement in mustard

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