Share Market Closing Bell: 8 दिन में 2531579.11 रुपये की संपत्ति स्वाहा?, देखें टॉप-10 कंपनी लिस्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 14, 2025 18:57 IST2025-02-14T17:27:08+5:302025-02-14T18:57:30+5:30

Share Market Closing Bell: बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 199.76 अंक घटकर 75,939.21 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 102.15 अंक टूटकर 22,929.25 अंक पर बंद हुआ।

Share Market Closing Bell Decline 8th day Rs 2531579-11 assets destroyed 8 days! 4 percent decline in Adani Ports see top-10 company list | Share Market Closing Bell: 8 दिन में 2531579.11 रुपये की संपत्ति स्वाहा?, देखें टॉप-10 कंपनी लिस्ट

सांकेतिक फोटो

Highlightsविदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाली रहे।102.15 अंक यानी 0.44 प्रतिशत गिरकर 22,929.25 पर बंद हुआ।बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 2,789.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

Share Market Closing Bell: बाजार में लगातार आठ कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट के कारण निवेशकों को 25.31 लाख करोड़ रुपये कर नुकसान हुआ है। इस दौरान विदेशी पूंजी निकासी, उम्मीद से कम तिमाही आय और वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितता की चिंताओं के बीच बीएसई सेंसेक्स में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। लगातार आठ सत्रों में बीएसई सेंसेक्स 2,644.6 अंक यानी 3.36 प्रतिशत गिरा, तथा एनएसई निफ्टी 810 अंक यानी 3.41 प्रतिशत नुकसान में रहा। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 199.76 अंक यानी 0.26 प्रतिशत गिरकर 75,939.21 पर बंद हुआ। शेयर बाजार में कमजोर रुख के चलते बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण आठ दिन में 25,31,579.11 करोड़ रुपये घटकर 4,00,19,247 करोड़ रुपये (4,610 अरब डॉलर) रह गया।

आठ कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स 2,644.6 अंक यानी 3.36 प्रतिशत और निफ्टी 810 अंक यानी 3.41 प्रतिशत टूट चुका है। सेंसेक्स के शेयरों में अदाणी पोर्ट्स में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी और टाटा स्टील भी नुकसान में रहे। देखा जाए तो 8 दिन में 25 लाख करोड़ की संपत्ति स्वाहा हुआ।

दूसरी ओर नेस्ले, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचसीएल टेक लाभ में रहे। कंपनियों की कमजोर आय के कारण निवेशकों के बीच जोखिम से बचने की भावना हावी होती जा रही है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''कमजोर तिमाही नतीजों, रुपये में गिरावट और शुल्क जैसे बाहरी कारकों से निकट भविष्य में बाजार धारणा कमजोर रहने का अनुमान है। एफआईआई की निकासी जारी रहने से गिरावट बढ़ सकती है।''

उन्होंने कहा कि जब तक शुल्क पर स्पष्टता नहीं आ जाती है, और कंपनियों की आय में सुधार नहीं होता है, तब तक अस्थिरता बनी रहने का अनुमान है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़कर बंद हुए, जापान के निक्की में गिरावट हुई।

यूरोपीय बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त के साथ बंद हुए। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 2,789.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.55 प्रतिशत बढ़कर 75.43 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे चढ़कर 86.81 प्रति डॉलर पर बंद

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में तेजी जारी रही और यह शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 12 पैसे बढ़कर 86.81 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। हालांकि, विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की सतत बिकवाली ने रुपये की तेज बढ़त पर अंकुश लगाया।

साथ ही, उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा एक अप्रैल को जवाबी शुल्क लागू करने की घोषणा के बाद डॉलर में आक्रामक तेजी थमी है। इससे उसके व्यापारिक भागीदारों को कुछ राहत मिली। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 86.86 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 86.79 के उच्च स्तर पर पहुंच गया।

इसने 86.90 के निम्न स्तर को भी छुआ और सत्र के अंत में डॉलर के मुकाबले 86.81 (अस्थायी) पर बंद हुआ जो अपने पिछले बंद से 12 पैसे की तेजी है। बृहस्पतिवार को रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दो पैसे की मामूली बढ़त के साथ 86.93 पर लगभग स्थिर रहा। बुधवार को रुपया 16 पैसे की गिरावट के साथ बंद हुआ था, जबकि एक दिन पहले इसमें 66 पैसे की तेजी आई थी, जो करीब दो साल में एक दिन में सबसे ज्यादा उछाल था। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक की वजह से रुपये में तेजी आई।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जवाबी शुल्क के क्रियान्वयन को एक अप्रैल तक टाल दिया, जिससे बाजार की घबराहट शांत हुई है। चौधरी ने कहा, ‘‘एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) की लगातार निकासी से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है।

हालांकि, रिजर्व बैंक द्वारा आगे कोई भी हस्तक्षेप, रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है। उन्होंने कहा कि कारोबारी, अमेरिका से खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘डॉलर-रुपया’ हाजिर मूल्य 86.60 से 87.10 के दायरे में रहने की संभावना है।’’

शुक्रवार को, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती आंकने वाला, अमेरिकी डॉलर सूचकांक 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 106.79 पर रहा वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.35 प्रतिशत बढ़कर 75.28 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

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