आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर कायम हैं

By भाषा | Updated: February 4, 2021 16:48 IST2021-02-04T16:48:51+5:302021-02-04T16:48:51+5:30

Secretary of Economic Affairs said, we are on target of $ 5,000 billion economy | आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर कायम हैं

आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर कायम हैं

नयी दिल्ली, चार फरवरी सरकार 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के अपने लक्ष्य पर कायम है।

आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने बृहस्पतिवार को कहा कि बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर विशेष जोर दिया गया है, साथ ही कुछ और कदम भी उठाए गए हैं। इनका उद्देश्य 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करना है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने, स्वास्थ्य सेवा और कृषि क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने तथा संपत्तियों के मौद्रिकरण का प्रस्ताव किया गया है। इन कदमों का मकसद कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार करना है।

बजाज ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने लक्ष्य में संशोधन नहीं किया है। हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं। बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च और सरकार की ओर से की गई अन्य पहलों का मकसद इस लक्ष्य को हासिल करना है।’’

बजट अनुमानों के अनुसार बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च को 4.12 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 5.54 लाख करोड़ रुपये किया गया है। इसी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को 94,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ रुपये किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में भारत को 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा था।

चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 11.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करेगी।

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में वास्तविक वृद्धि दर 10 से 10.5 प्रतिशत रहेगी।

बजाज ने कहा, ‘‘हमारे राजस्व के आंकड़े बढ़ाकर नहीं घटाकर दिखाए गए हैं। हमें स्थिर मूल्य पर जीडीपी को सिर्फ 14.4 प्रतिशत पर और राजस्व वृद्धि को 16.7 प्रतिशत पर रखा है। हमें उम्मीद है कि हम इससे अधिक हासिल करेंगे।’’

कर्ज बढ़ने की वजह से निजी निवेश प्रभावित होने की आशंकाओं को खारिज करते हुए आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि बाजार में पर्याप्त तरलता है। ऐसे में इस साल सरकार की कर्ज की लागत कम हुई है।

सरकार के समक्ष अन्य विकल्पों में राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष (एनएसएसएफ) शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि निजी क्षेत्र आना चाहता है, तो हमें उन्हें जगह देकर खुशी होगी।’’

सरकार का अगले वित्त वर्ष में बाजार से 12.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। यह चालू वित्त वर्ष के 12.80 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है।

संशोधन अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष के लिए सकल ऋण को बढ़ाकर 12.8 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 7.8 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 64 प्रतिशत अधिक है।

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