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सेबी ने सामाजिक शेयर बाजार के लिये प्रस्तावित ढांचे को मंजूरी दी

By भाषा | Updated: September 28, 2021 21:16 IST

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मुंबई, 28 सितंबर पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को सामाजिक क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों के लिये कोष जुटाने का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुये सामाजिक शेयर बाजार (सोशल स्टॉक एक्सचेंज) की रूपरेखा ढांचे को मंजूरी दी है।

सामाजिक शेयर बाजार के लिये रूपरेखा को कार्यकारी समूह और तकनीकी समूह की सिफारिशों के आधार पर पर तैयार किया गया है। इसका गठन सेबी ने किया था।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की बैठक के बाद सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि मौजूदा शेयर बाजारों में सामाजिक शेयर बाजार अलग खंड होगा।

सामाजिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियां इस बाजार में भाग ले सकेंगी। इस श्रेणी में गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) और लाभ के साथ समाज के स्तर पर भलाई का काम करने वाली कंपनियां आती हैं।

सेबी ने 15 गतिविधियों की सूची को मंजूरी दी है। बाजार से कोष जुटाने को लेकर सामाजिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियों को इनमें से किसी एक गतिविधियों में शामिल होना होगा।

एसएई के लिये समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कहा कि वह बाजार के लिये कोई समयसीमा नहीं बता सकते और इस पर काम आगे बढ़ाने के लिये सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।

कोष जुटाने के संदर्भ में सेबी ने कहा कि पात्र गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) इक्विटी, अंकित मूल्य से छूट पर बेचे जाने वाले बांड (जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल बांड), म्यूचुअल फंड, सामाजिक प्रभाव कोष और विकास प्रभाव सृजित करने वाले कोष और विकास प्रभाव वाले कोष से राशि जुटा सकते हैं।

जो एनपीओ एसएसई से कोष जुटाने को इच्छुक हैं, उन्हें एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना होगा।

नियामक के अनुसार सेबी के वैकल्पिक निवेश कोष नियमों के तहत सामाजिक उपक्रम निधि का नाम सामाजिक प्रभाव कोष किया जाएगा। साथ ही इस तरह के कोष के लिए पूंजी आवश्यकताओं को 20 करोड़ रुपये से घटाकर 5 करोड़ रुपये किया जाएगा।

सेबी ने कहा कि वह सामाजिक उपक्रमों के लिए शुरूआती और निरंतर खुलासे को अनिवार्य करने की दिशा में अपने नियामक ढांचे में उपयुक्त संशोधन करेगा। इसमें संचालन, वित्तीय और सामाजिक प्रभाव से संबंधित पहलुओं को शामिल किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सबसे पहले 2019-20 के बजट भाषण में एसएसई का विचार रखा था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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