सेबी ने एमएफ नियमों में संशोधनों को मंजूरी दी, एनएफओ में ज्यादा निवेश करने की जरूरत होगी
By भाषा | Updated: June 29, 2021 21:57 IST2021-06-29T21:57:08+5:302021-06-29T21:57:08+5:30

सेबी ने एमएफ नियमों में संशोधनों को मंजूरी दी, एनएफओ में ज्यादा निवेश करने की जरूरत होगी
नयी दिल्ली, 29 जून भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधनों को मंजूरी दे दी। इन नियमों के तहत म्यूचुअल फंड कंपनियों को अपने नई फंड पेशकशों में जोखिम के स्तर के अनुसार अधिक निवेश करने की जरूरत होगी। इससे कोष चलाने वालों की म्यूचुफंड में खुद की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
सेबी ने अपने निदेशक मंडल की बैठक के बाद कहा कि मौजूदा नियमों के तहत नई फंड पेशकश (एनएफओ) के तहत जुटाई जाने वाली राशि का एक प्रतिशत अथवा 50 लाख रुपये जो भी कम हो, निवेश करने की जरूरत होती है।
सेबी ने कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने सेबी (म्यूचुअल फंड्स) नियमन, 1996 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसमें एएमसी को म्यूचुअल फंड योजनाओं में उनकी खुद की भागीदारी सुनिश्चित करते हुये न्यूनतम राशि का निवेश करने की जरूरत होगी, जो योजना से जुड़े जोखिमों से संबद्ध होगी। वर्तमें योजनाओं के जोखिम का ध्यान रखे बिना एनएफओ में जुटाई गई राशि का एक प्रतिशत या 50 लाख रुपये जो भी कम हो, निवेश करने की जरूरत होती है।’’
अन्य कदमों में सेबी के निदेशक मंडल ने एफपीआई नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी इसके तहत पात्र निवासी भारतीय कोष प्रबंधकों (व्यक्तिगत लोगों के अलावा) को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का घटक बनने की अनुमति होगी।
सेबी ने कहा कि ये एफपीआई केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा आयकर कानून 1961 की धारा 9एक को आयकर नियम 1962 के तहत मंजूर निवेश कोष होंगे।
निवेशकों को सार्वजनिक/राइट्स निर्गम में भागीदारी के लिए विभिन्न भुगतान माध्यमों के जरिये आसान पहुंच सुनिश्चित करने को सेबी ने बैंकों, अनुसूचित बैंकों को छोड़कर, निर्गम के लिए बैंकर के रूप में पंजीकृत होने की अनुमति दी है।
बैंकों के अलावा अन्य इकाइयों के बारे में नियामक द्वारा समय-समय पर बताया जाएगा।
नियामक ने कहा कि इसके अलावा मान्यता प्राप्त एक्सचेंज में सूचीबद्ध अथवा सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रखने वाली प्रतिभूतियों की रेटिंग के मामले में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (सीआरए) को परिभाषित किया गया है। इसके लिये क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज नियमन में संशोधन किया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बैठक में अपनी 2020- 21 की वार्षिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दी है।
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