सारस्वत ने कहा, विदेशी कंपनियों को हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन की अनुमति दी जाए

By भाषा | Updated: November 14, 2021 11:32 IST2021-11-14T11:32:09+5:302021-11-14T11:32:09+5:30

Saraswat said, foreign companies should be allowed to demonstrate Hyperloop technology | सारस्वत ने कहा, विदेशी कंपनियों को हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन की अनुमति दी जाए

सारस्वत ने कहा, विदेशी कंपनियों को हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन की अनुमति दी जाए

(बिजय कुमार सिंह)

नयी दिल्ली, 14 नवंबर नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत का मानना है कि भारत के पास द्रुत-गति की यात्रा सेवा के लिए अपनी हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को डिजाइन करने की क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें समय लगेगा, ऐसे में विदेशी कंपनियों को अपनी हाइपरलूप प्रौद्योगिकी क्षमता दिखाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सारस्वत वर्जिन की हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की प्रौद्योगिकीय तथा वाणिज्यिक क्षमता की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए गठित की गई समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि भारत को इसके लिए नियामकीय व्यवस्था भी बनानी चाहिए क्योंकि हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के साथ सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है।

सारस्वत ने रविवार को पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘हाइपरलूप द्रुत-गति की ट्रेन है जो ट्यूब में शून्य (वैक्यूम) में चलती है। हमने (विशेषज्ञ समिति के सदस्यों) पाया है कि इसे करने के दो तरीके हैं।’’

दुनिया के दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क ने इस प्रौद्योगिकी का प्रस्ताव किया है। इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और वाणिज्यिक अंतरिक्ष परिवहन कंपनी स्पेसएक्स के पीछे भी मस्क ही हैं।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने कहा, ‘‘इसमें एक तरीका विदेशी कंपनियों को अपनी प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन की अनुमति देने का है। इसके समानान्तर दूसरा तरीका विशेष रूप से इस क्षेत्र में शोध एवं विकास (आरएंडडी) करने का है। अध्ययनों से यह तथ्य सामने आया है कि हमारे पास शोध एवं विकास की क्षमता है और हम खुद की हाइपरलूप प्रौद्योगिकी डिजाइन कर सकते हैं।’’

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि इसमें समय लगेगा। ऐसे में हम विदेशी कंपनियों को यहां आने और अपनी प्रौद्योगिकी दिखाने को कह सकते हैं। उन्हें महाराष्ट्र या कर्नाटक में इसके लिए अनुमति दी जा सकती है।

सारस्वत ने कहा कि हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के लिए सुरक्षा और नियामकीय व्यवस्था जरूरी है। यह इस प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ा बड़ा मुद्दा है।

हालांकि, सारस्वत ने स्पष्ट किया कि विशेषज्ञ समिति ने अभी इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया है।

वर्जिन का हाइपरलूप परीक्षण नौ नवंबर, 2020 को एक पॉड के साथ अमेरिका के लास वेगास के 500 मीटर के ट्रैक पर किया गया था। वर्जिन हाइपरलूप उन गिनी-चुनी कंपनियों में है जो यात्रियों के परिवहन के लिए इस तरह की प्रणाली के निर्माण का प्रयास कर रही है।

सेमीकंडक्टर की कमी से संबंधित एक सवाल पर सारस्वत ने कहा कि सरकार गंभीरता से इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर विचार कर रही है।

देश में हाल में कोयले और बिजली की कमी पर उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से लॉजिस्टिक्स की विभिन्न समस्याओं की वजह से पैदा हुआ संकट था। उन्होंने कहा कि अब देश में किसी भी बिजली संयंत्र में कोयले की कमी नहीं है।

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Web Title: Saraswat said, foreign companies should be allowed to demonstrate Hyperloop technology

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