Retail Inflation in May 2024: खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गयी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल, 2024 में 4.83 प्रतिशत और मई, 2023 में 4.31 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.69 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8.70 प्रतिशत थी। कुल मुद्रास्फीति में फरवरी, 2024 से लगातार कमी आई है। यह फरवरी में 5.1 प्रतिशत थी और अप्रैल, 2024 में घटकर 4.8 प्रतिशत पर आ गई।
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि सीपीआई मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई ने 2024-25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
इसमें पहली तिमाही में इसके 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।
अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़ा
खनन और बिजली क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से इस साल अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) पांच प्रतिशत बढ़ गया। बुधवार को सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक गतिविधियों का सूचक माना जाने वाला औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) अप्रैल महीने में पांच प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 4.6 प्रतिशत बढ़ा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अप्रैल, 2024 में 3.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 5.5 प्रतिशत बढ़ा था। इस साल अप्रैल में खनन उत्पादन 6.7 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 10.2 प्रतिशत बढ़ा। इन दोनों क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन ने कुल औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने में मदद की।