ऊंचे एनपीए वाली एनबीएफसी की लाभांश की घोषणा पर शिकंजा कड़ा करने का रिजर्व बैंक का प्रस्ताव

By भाषा | Updated: December 9, 2020 22:58 IST2020-12-09T22:58:02+5:302020-12-09T22:58:02+5:30

Reserve Bank's proposal to tighten the NBFC's declaration of dividend with high NPA | ऊंचे एनपीए वाली एनबीएफसी की लाभांश की घोषणा पर शिकंजा कड़ा करने का रिजर्व बैंक का प्रस्ताव

ऊंचे एनपीए वाली एनबीएफसी की लाभांश की घोषणा पर शिकंजा कड़ा करने का रिजर्व बैंक का प्रस्ताव

बई, नौ दिसंबर रिजर्व बैंक ने वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करते हुये मंगलवार को गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये लाभांश घोषित करने के बारे में दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया है।

प्रस्तावित नियमों के मुताबिक केवी वही एनबीएफसी जो तय नियमों पर खरा उतरेंगे केवल उन्हें ही लाभांश घोषित करने और वितरण करने की अनुमति होगी।

रिजर्व बैंक ने इसके लिये जो नियम तय किये हैं उसके मुताबिक लाभांश घोषित करने वाले एनबीएफसी की शुद्ध गैर- निष्पादित संपत्ति (एनपीए) अनुपात जिस साल के लिये लाभांश घोषित किया जा रहा है उसके समेत पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रत्येक वर्ष में छह प्रतिशत से कम होना चाहिये।

रिजर्व बैंक ने इस मसौदा सर्कुलर पर संबंधित पक्षों से 24 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

पूंजी पर्याप्तता के मामले में नियमों के मसौदे में कहा गया है कि जमा राशि स्वीकार करने वाले एनबीएफसी और प्रणाली के तहत महत्वपूर्ण जमा स्वीकार नहीं करने वाले एनबीएफसी की जोखिम पूंजी के समक्ष रखी जाने वाली पूंजी का अनुपात कम से कम 15 होना चाहिये। यह स्थिति जिस वर्ष के लिये लाभांश घोषित किया जा रहा है उस साल सहित पिछले तीन साल के दौरान होनी चाहिये।

इसी प्रकार कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (सीआईसी) के लिये भी उसकी बैलेंस सीट में उसकी कुल जोखिम वाली संपत्तियों के समक्ष कम से कम 30 प्रतिशत तक समन्वित नेटवर्थ (एएनडब्ल्यू) होने की बात कही गई है। बैलेंस सीट से बाहर के लिये भी शर्त तय की गई है। सीआईसी के लिये भी लाभांश घोषित किये जाने वाले वर्ष सहित पिछले तीन साल के दौरान यह स्थिति आवश्यक बताई गई है।

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Web Title: Reserve Bank's proposal to tighten the NBFC's declaration of dividend with high NPA

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