मुंबई, दो जुलाई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बैंकों में सावधि जमा की मियाद पूरी होने के बाद बिना दावे वाली राशि पर ब्याज के नियमों में बदलाव किया।
फिलहाल, अगर मियादी जमा की अवधि पूरी हो जाती है और राशि का भुगतान नहीं हो पाता तथा बैंक के पास रकम बिना दावे के पड़ी रहती है तो उस पर बचत जमा पर देय ब्याज के हिसाब से ब्याज दिया जाता है।
आरबीआई ने परिपत्र में कहा, ‘‘इसकी समीक्षा पर...यह निर्णय किया गया है कि अगर मियादी जमा परिपक्व होती और राशि का भुगतान नहीं हो पाता और वह बिना दावा के बैंक में पड़ी रहती है तो उस पर ब्याज दर बचत खाता के हिसाब से या सावधि जमा की परिपक्वता पर ब्याज की अनुबंधित दर, जो भी कम हो, देय होगी।’’
नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होगा।
मियादी जमा में वह जमा राशि है जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिये तय ब्याज पर रखी जाती है। इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं।
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