राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में रबी की बुवाई बढ़ी, गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा-कृषि क्षेत्र ‘मजबूत’, खरीफ उत्पादन 14.99 करोड़ टन रहने का अनुमान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 7, 2022 13:25 IST2022-12-07T13:24:56+5:302022-12-07T13:25:50+5:30

देश का कुल खरीफ उत्पादन 14.99 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पिछले साल के खरीफ फसल वर्ष में उत्पादन 15.60 करोड़ टन रहा था।

Rajasthan, Bihar and Uttar Pradesh Rabi sowing increased rbi Governor Shaktikanta Das said agriculture sector 'strong' Kharif production estimated 14-99 million tonnes | राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में रबी की बुवाई बढ़ी, गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा-कृषि क्षेत्र ‘मजबूत’, खरीफ उत्पादन 14.99 करोड़ टन रहने का अनुमान

रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है। इसकी कटाई मार्च-अप्रैल में होती है।

Highlightsरबी बुवाई की शुरुआत अच्छी हुई है। दो दिसंबर, 2022 तक रबी की बुवाई सामान्य से 6.8 प्रतिशत अधिक रही है।रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है। इसकी कटाई मार्च-अप्रैल में होती है।

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि देश का कृषि क्षेत्र ‘मजबूत’ बना हुआ और रबी की बुवाई की शुरुआत काफी अच्छी रही है। हालांकि, बारिश ‘असंतुलित’ रहने की वजह से देश के खरीफ उत्पादन में कुछ कमी आने का अनुमान है।

 

पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, देश का कुल खरीफ उत्पादन 14.99 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पिछले साल के खरीफ फसल वर्ष में उत्पादन 15.60 करोड़ टन रहा था। आपूर्ति पक्ष के बारे में दास ने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती बरकरार है। ‘‘रबी बुवाई की शुरुआत अच्छी हुई है। दो दिसंबर, 2022 तक रबी की बुवाई सामान्य से 6.8 प्रतिशत अधिक रही है।’’

कृषि मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा रबी (सर्दियों के सीजन) सत्र में गेहूं की बुवाई 5.36 प्रतिशत बढ़कर 211.62 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई है। राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में रबी की बुवाई बढ़ी है। रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है। इसकी कटाई मार्च-अप्रैल में होती है।

रबी सत्र में गेहूं के अलावा धान और दलहन मसलन चना और उड़द के अलावा मूंगफली और सरसों की बुवाई की जाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में दास ने कहा कि रबी की बुवाई में अच्छी प्रगति, सतत शहरी मांग, ग्रामीण मांग में सुधार, विनिर्माण में तेजी, सेवा क्षेत्र के पुनरुद्धार तथा ऋण की मांग बढ़ने जैसे कारकों से परिदृश्य को समर्थन मिल रहा है।

अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये का उतार-चढ़ाव कम, विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक : दास

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि डॉलर में मजबूती के बीच अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में रुपये का उतार-चढ़ाव कम रहा है। इसके साथ ही उन्होंने देश के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति को संतोषजनक बताया है।

दास ने बुधवार को यहां द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि वास्तविक आधार पर देखा जाए, तो चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में रुपया 3.2 प्रतिशत मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘रुपये की कहानी भारत की मजबूती और स्थिरता को दर्शाती है।’’

उन्होंने कहा कि इस साल डॉलर में मजबूती के बीच रुपये सहित दुनिया की सभी प्रमुख मुद्राओं में गिरावट आई है। इसने सभी का ध्यान खींचा है।’’ दास ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक और घरेलू वृहद आर्थिक तथा वित्तीय बाजार के घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में रुपये के उतार-चढ़ाव का आकलन करने की जरूरत है।

गवर्नर ने कहा, ‘‘डॉलर में मजबूती के इस अध्याय के बीच अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये का उतार-चढ़ाव सबसे कम रहा है।’’ उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्थिति में है। 21 अक्टूबर, 2022 को यह 524.5 अरब डॉलर था, जो दो दिसंबर, 2022 को बढ़कर 561.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का शुद्ध प्रवाह मजबूत बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर में एफडीआई का प्रवाह बढ़कर 22.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 21.3 अरब डॉलर रहा था।

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