नयी दिल्ली, 26 दिसंबर राजस्थान वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ संबंधी सुधारों को सफलतापूर्वक आरंभ करने वाला देश का छठा राज्य बन गया है। इसके आधार पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने उसे खुले बाजार से उधार के जरिए 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की छूट दी है।
वित्त मंत्रालय की शनिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार व्यय विभाग की ओर से इसकी अनुमति 24 दिसंबर 2020 को जारी की गई। इससे पहले पांच अन्य राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना व्यवसाय करने की सुगमता की कसौटी पर सफल हुए हैं।
व्यवसाय करने की सुगमता से जुड़े सुधारों की पूर्णता पर इन छह राज्यों को 19,459 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति प्रदान की गई है।
राज्यों से सुधार की इस श्रेणी में ‘जिला स्तरीय व्यवसाय सुधार कार्य योजना’ के प्रथम आकलन को पूरा करने, विभिन्न अधिनियमों के तहत व्यवसायों द्वारा प्राप्त पंजीकरण प्रमाणपत्रों/अनुमोदनों/लाइसेंसों के नवीकरण की जरूरत खत्म करने और निरीक्षण रपट को निरीक्षण के 48 घंटे के भीतर अपलोड करने की व्यवस्था जैसे सुधार शामिल हैं।
कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई 2020 को राज्यों की उधार सीमा उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। इस विशेष व्यवस्था का आधा हिस्सा राज्यों द्वारा लोक केंद्रित सुधारों से जोड़ दिया गया। चिन्हित सुधारों में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन, व्यवसाय करने की सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/जनोपयोगी सेवा सुधार और बिजली क्षेत्र सुधार शामिल हैं।
अभी तक, 10 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली को कार्यान्वित किया है, 6 राज्यों ने व्यवसाय करने की सुगमता सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार किए हैं।
जिन राज्यों ने सुधार किए हैं, उन्हें अभी तक कुल 50,253 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई है।
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