नयी दिल्ली, तीन जून सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत कुल ऋण का 95 प्रतिशत स्वीकृत किया है। इस योजना का उद्देश्य कोविड महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित रेहड़ी-पटरी और खोमचे वालों को अपना कारोबार फिर से शुरू करने के लिये 10,000 रुपये तक का कर्ज प्रदान करना है।
केंद्र ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) योजना पिछले साल एक जून को शुरू की थी।
वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पीएम स्वनिधि योजना के तहत कर्ज देने में आगे रहे हैं। उन्होंने 31 मई, 2021 तक 23,16,207 कर्ज मंजूर किये। यह इस योजना के तहत मंजूरी कुल कर्ज का 95 प्रतिशत है...।’’
विभाग के अनुसार योजना के तहत मंजूर कुल आवेदनों की संख्या 24.21 लाख रही।
योजना के तहत एक साल के लिये बिना किसी गारंटी के 10,000 रुपये का कार्यशील पूंजी कर्ज दिया जा रहा है। योजना का मकसद 50 लाख ठेले और खोमचे वालों को अपना काम धंधा शुरू करने में मदद करना है।
कर्ज वापसी और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये यह कर्ज सब्सिडी के साथ सालाना 7 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है। साथ ही कैशबैक (1,200 रुपये सालाना तक) भी दिया जा रहा है।
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