नयी दिल्ली, आठ सितंबर उद्योग जगत और विशेषज्ञों ने कहा कि पालिएस्टर, नायलॉन जैसे मानव निर्मित धागों तथा तकनीकी परिधान उद्योगों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से क्षेत्र की लागत प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी और विनिर्माण तथा निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि पीएलआई योजना में जिन उत्पादों पर ध्यान दिया गया है, वे कपड़ा क्षेत्र को वैश्विक बाजार में पैठ बनाने में मददगार होंगे। साथ ही प्रोत्साहन से उच्च मूल्य वाले मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) क्षेत्र में वृद्धि को गति मिलेगी।
मंत्रिमंडल के बुधवार को कपड़ा क्षेत्र के लिये 10,683 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी देने के बाद उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘रोजगार के नये अवसर सृजित होने के साथ इस योजना के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर नए निवेश होंगे, विनिर्माण क्षमता का विस्तार होगा, कई गुना निर्यात होगा और वैश्विक कपड़ा क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक स्थिति को फिर से हासिल करने में मदद मिलेगी।’’
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि यह योजना नए निवेश को आकर्षित करेगी, लागत-प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी और विनिर्माण में पैमाने की मितव्ययिता प्राप्त करने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि यह प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले उद्योग को समान अवसर प्रदान करके इस क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगी।
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि यह कदम कपड़ा उद्योग के लिए बड़ा प्रोत्साहन है। इससे न केवल इस क्षेत्र में नये निवेश आएंगे बल्कि अगले पांच वर्षों में सरकार द्वारा अनुमानित 3 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन में वृद्धि के लिए मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाने में भी मददगार होंगे।
डेलॉयट इंडिया में भागीदार सौरभ कंचन ने कहा कि इस योजना से कपड़ा क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी होगा, निवेश आकर्षित होंगे और निर्यात के साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘श्रम प्रधान क्षेत्र के लिए निवेश की सीमा को देखते हुए अब उद्योग की भागीदारी पर नजर रखना दिलचस्प होगा। साथ ही, उत्पाद दायरा, प्रोत्साहन का प्रतिशत, बिक्री समूह लक्ष्य और अन्य संबंधित पहलुओं के बारे में विवरण का अभी इंतजार है।’’
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के भागीदार अरविंद शर्मा ने कहा कि इस योजना की मंजूरी से कपड़ा क्षेत्र वैश्विक अवसरों में भाग लेने और वैश्विक कपड़ा व्यापार में उपस्थिति हासिल करने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओड़िशा, आदि जैसे राज्य बड़े पैमाने पर कपड़ा और निर्यात क्षेत्र में लगे हुए हैं। ऐसे में ये राज्य विशेष रूप से पीएलआई योजना से लाभान्वित होंगे।
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