लाइव न्यूज़ :

बजट पूर्व चर्चा : कृषि विशेषज्ञों का वास्तविक लागत आधारित एमएसपी, सब्सिडी वाले डीजल का सुझाव

By भाषा | Updated: December 15, 2021 20:00 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर किसान संगठनों और कृषि विशेषज्ञों ने बुधवार को वित्त मंत्रालय को दिये गये बजट-पूर्व ज्ञापन में उत्पादन की वास्तविक लागत के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने, डीजल पर अधिक सब्सिडी देने और आनुवंशिक रूप से संवर्धित ‘आर्गेनिज्म’ (जीएमओ) जैसी नई प्रौद्योगिकियों की अनुमति दिये जाने का सुझाव दिया है।

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड ने वर्चुअल तरीके से कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ पहला बजट-पूर्व परामर्श किया।

किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय किसान संघों (सीआईएफए) के मुख्य सलाहकार पी चेंगल रेड्डी ने कहा कि सरकार को कृषि के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण में 25 प्रतिशत की वृद्धि करनी चाहिए।

उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि लागत और मूल्य आयोग(सीएसीपी), जो फसलों की मूल्य नीति के बारे में सरकार की सलाहकार संस्था है, को उत्पादन की वास्तविक लागत का पता लगाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए।

रेड्डी ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए समयबद्ध तरीके से ‘जीएमओ सहित प्रौद्योगिकियों’ को अनुमति दिये जाने की बात पर भी जोर दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित आनुवंशिक प्रौद्योगिकी के लिए तत्काल मंजूरी दिये जाने का समर्थन किया।

सीआईएफए ने यह भी कहा कि श्रमबल की कमी और अधिक मजदूरी लागत को हल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि मनरेगा को सभी कृषि गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए।

इसके अलावा, रेड्डी ने कीटनाशकों पर करों में कमी की मांग की तथा 50 प्रतिशत सब्सिडी पर कटाई और रोपाई के लिए प्रति सीजन 5,000 लीटर डीजल के प्रावधान की सिफारिश की।

कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने ट्वीट किया कि उन्होंने कृषि पर बजट पूर्व चर्चा में भाग लिया।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को एक मजबूत बजट पूर्व परामर्श प्रक्रिया + प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता है ताकि लाभार्थी कार्यक्रमों का आकलन कर सकें।’’

जाखड़ ने कहा कि हरित क्रांति वाले राज्यों ने भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा, ‘‘अब केंद्र सरकार को भारत की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरित क्रांति वाले राज्यों के रूपांतरण के लिए उन्हें धन देने का समय है।’’

वित्त सचिव और सचिव व्यय टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव तरुण बजाज और कॉरपोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा भी बैठक में उपस्थित थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतDelhi: बढ़ते प्रदूषण का असर, दिल्ली में अब 2 चीजें परमानेंट बैन; जानें दिल्लीवासियों पर क्या होगा असर?

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: आम आदमी को राहत या झटका? 28 दिसंबर के लिए पेट्रोल और डीजल की नई दरें घोषित

भारतदेहरादून में हमले से त्रिपुरा के छात्र की मौत, नस्लीय हमले का आरोप; त्रिपुरा लाया गया शव

पूजा पाठPanchang 28 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठRashifal 28 December 2025: आज वृषभ राशिवालों की आय में होगी वृद्धि, पढ़ें सभी राशियों का भविष्य

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारटीसीएस से लेकर अमेज़न तक एआई के कारण मार्केट में बदलाव के बीच इन आईटी कंपनियों ने 1,00,000 से ज़्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

कारोबारकौन हैं जयश्री उल्लाल? भारतीय मूल की अरबपति हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 में टॉप पर

कारोबारबिहार में कुपोषण, 69.4 फीसदी बच्चे शिकार?, बौनेपन की चपेट में 48 फीसदी, जीविका दीदियों ने किया सर्वे, बक्सर में 21,273 गर्भवती महिलाओं में से 2,739 कुपोषित?

कारोबारITR 2025: इनकम टैक्स रिफंड में हो रही देरी, जानिए 31 दिसंबर से पहले क्या करना जरूरी

कारोबारबनारस की फिजा बदली?, 2014 में 54.89 लाख पर्यटक काशी पहुंचे और 2025 में 146975155, देखिए 10 साल में 45.44 करोड़ भारतीय-विदेशी गलियों और घाटों की सैर