‘टायर, इस्पात के लिए पीएलआई योजना से भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ने में मदद मिलेगी’

By भाषा | Updated: October 7, 2021 16:51 IST2021-10-07T16:51:32+5:302021-10-07T16:51:32+5:30

'PLI scheme for tyres, steel to help link India to global value chain' | ‘टायर, इस्पात के लिए पीएलआई योजना से भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ने में मदद मिलेगी’

‘टायर, इस्पात के लिए पीएलआई योजना से भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ने में मदद मिलेगी’

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर टायर और इस्पात जैसे क्षेत्रों तक उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लाभों का विस्तार करने से देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ जोड़ने में और मदद मिलेगी तथा इससे क्षेत्र की कंपनियां विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धी बनेगी। उद्योग मंडल पीएचड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने बृहस्पतिवार को यह कहा।

पीएलआई योजना के तहत सरकार फिलहाल 13 क्षेत्रों को प्रोत्साहन दे रही है। इसमें कपड़ा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल सामान (फ्रीज, एसी आदि), फार्मास्यूटिकल्स, विशिष्ट इस्पात, दूरसंचार, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल और उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना बड़े घरेलू और वैश्विक कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने, प्रतिस्पर्धी परिवेश का निर्माण करने और अधिक समावेशी विकास की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

यह उन वैश्विक कंपनियों को भी एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करेगी जो चीन से परे सुविधा केन्द्रों को स्थापित करने के विकल्पों की तलाश कर रही हैं।

मुल्तानी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पीएलआई योजना के दायरे में टायर और स्टील जैसे क्षेत्रों का विस्तार करने से भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जोड़ने, निर्यात को प्रोत्साहित करने, कंपनियों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने और भविष्य में भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।’’

वह, मुल्तानी फार्मास्यूटिकल्स के अध्यक्ष भी हैं।

भारत की आर्थिक वृद्धि के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर लगभग 10.25 प्रतिशत और 2022-23 में लगभग 9-10 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतकों में सुधार, आने वाले महीनों में व्यापक आधार पर पुनरूद्धार का संकेत दे रहा है जो कि कोविड-पूर्व ​​​​आर्थिक गतिविधि से अधिक होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने और टीकाकरण अभियान में तेजी से इस्पात, वस्तु निर्यात, बाह्य वाणिज्यिक उधारी और सेंसेक्स जैसे प्रमुख आर्थिक और व्यावसायिक संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है।’’

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही में रिकॉर्ड 20.1 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हुई। इसका कारण पिछले साल का कमजोर तुलनात्मक आधार तथा कोविड-19 महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के बावजूद विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों का बेहतर प्रदर्शन है।

आने वाले महीनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के बारे में पूछे जाने पर, मुल्तानी ने कहा कि भारत ने विश्वास, अवसर और सौहार्दपूर्ण कारोबारी माहौल के कारण पिछले वित्त वर्ष में 81.4 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया।

उन्होंने कहा कि नियामकीय स्पष्टता और कुशल न्यायिक निवारण तंत्र जैसी संस्थागत स्थिरता को और अधिक सुव्यवस्थित करने से भारत में एफडीआई के विकास को और समर्थन मिलेगा।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को घरेलू कानून और नौकरशाही की व्यवस्था को और सुगम बनाने, निवेशकों के लिये अनुकूल भूमि सुधार लाने, बुनियादी ढांचे को उन्नत करने, विदेशी कंपनियों को भारत में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने जैसी पहल करनी चाहिए।

मुल्तानी ने कहा, ‘‘इन सबसे कारोबार सुगमता बढ़ेगी।

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Web Title: 'PLI scheme for tyres, steel to help link India to global value chain'

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