NPS के नियमों में हुआ बदलाव; योजना छोड़ने पर नहीं लगेगा शुल्क, जानें नए नियम से कितना फायदा
By अंजली चौहान | Published: August 1, 2023 02:03 PM2023-08-01T14:03:48+5:302023-08-01T14:08:37+5:30
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 27 जुलाई को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें उन्होंने अपने ग्राहकों के लिए नियमों को आसान बना दिया है।
नई दिल्ली: पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के नियमों में बदलाव किया है। इन नियमों के बदलाव से अब एनपीएस बीमाधारकों के लिए और आसान हो गया है। गौरतलब है कि पीएफआरडीए ने 27 जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी ग्राहकों को दी।
अधिसूचना के अनुसार, ग्राहकों को अब राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से बाहर निकलने के बाद वार्षिकी योजना चुनने की अनुमति है। इसका मतलब है कि ग्राहक बिना किसी शुल्क के योजना छोड़ सकता है और अपनी पसंद की कोई भी वार्षिक योजना चुन सकता है।
ऐसे में अगर कोई योजना को छोड़कर बाहर जाता है तो उसके लिए ऐसा करना बिल्कुल आसान होगा और उससे कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।
कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
बीमा कंपनियां आम तौर पर वार्षिकी योजना के लिए एनपीएस ग्राहकों से प्रीमियम वसूलती हैं, और ग्राहकों को सरकार या नियामक को कर और अन्य राशि का भुगतान भी करना पड़ता है।
पीएफआरडीए ने जानकारी साझा कर कहा कि ग्राहकों को जारी किए गए वार्षिकी उत्पाद के संबंध में कोई अतिरिक्त मध्यस्थता व्यय या शुल्क नहीं होना चाहिए और इसलिए एएसपी, एनपीएस ग्राहकों से वार्षिकी की सोर्सिंग के लिए कोई एजेंसी या मध्यस्थ तैनात नहीं कर सकता है।
एनपीएस से बाहर निकलने के नियम
पीएफआरडीए ने यह भी कहा कि अधिकारियों को निकास नियमों के कर्तव्यों और दायित्वों के अनुपालन की निगरानी करनी है। इसमें कहा गया है कि एएसपी का अनुपालन अधिकारी वार्षिकी को नियंत्रित करने वाले अन्य लागू कानूनों के अलावा प्राधिकरण द्वारा जारी निकास विनियमों और परिपत्रों के तहत निर्धारित कर्तव्यों और दायित्वों के अनुपालन की निगरानी के लिए जिम्मेदार होगा और प्राधिकरण को एक अनुपालन प्रमाणपत्र देगा।
वहीं, फिलहाल एक एनपीएस ग्राहक को अपनी परिपक्वता पर वार्षिकी योजना प्राप्त करने के लिए संचित राशि का 40 प्रतिशत उपयोग करने की जरूरत होती है।
बाकी 60 फीसदी रकम एकमुश्त निकाली जा सकती है अगर जमा राशि 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है, तो ग्राहक के पास पूरी एकमुश्त राशि निकालने का विकल्प होगा।
बता दें कि जीवन बीमा कंपनियां निवेश अवधि और प्रदर्शन के आधार पर अलग-अलग एन्यूटी पेंशन प्लान उपलब्ध कराती है। जिनमें ब्याज दरें और मुनाफा भी अलग होता है।
ज्यादा पेंशन के लिए निवेशक ज्यादा मुनाफे वाली योजनाओं को चुन सकेंगे। इसके अलावा बाजार जोखिमों को देखते हुए पेंशन चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे।