संसदीय समिति ने दिवाला प्रक्रिया में ‘नुकसान की मात्रा’ का मानक तय करने का सुझाव दिया

By भाषा | Updated: August 3, 2021 19:23 IST2021-08-03T19:23:03+5:302021-08-03T19:23:03+5:30

Parliamentary committee suggests setting 'quantum of loss' parameter in insolvency process | संसदीय समिति ने दिवाला प्रक्रिया में ‘नुकसान की मात्रा’ का मानक तय करने का सुझाव दिया

संसदीय समिति ने दिवाला प्रक्रिया में ‘नुकसान की मात्रा’ का मानक तय करने का सुझाव दिया

नयी दिल्ली, तीन अगस्त संसद की एक समिति ने दिवाला प्रक्रिया में नुकसान की मात्रा यानी ‘हेयरकट’ के लिए एक मानक बनाने का सुझाव दिया है। इस तरह के मामले सामने आए हैं कि वित्तीय ऋणदाताओं को दबाव वाली कंपनियों में अपने बकाया कर्ज पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इसके अलावा संसदीय समिति ने दिवाला समाधान प्रक्रिया में मुकदमेबाजी को लंबा खिंचने से रोकने के उपाय करने को भी कहा है।

दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) 2016 में प्रभाव में आई थी। यह संहिता दबाव वाली संपत्तियों के बाजार से जुड़े समयबद्ध समाधान के बारे में है।

वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट ‘दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता-मुश्किलें और समाधान’ मे कहा है कि इस संहिता का बुनियादी मकसद ऋणदाताओं के अधिकारों का संरक्षण है, जिससे कर्ज की लागत नीचे आएगी और जोखिम कम होगा।

रिपोर्ट में विशेषरूप से इस बात का जिक्र किया गया है कि हाल के बरसों में समाधान वाले मामलों में वित्तीय ऋणदाताओं को काफी ऊंचा ‘हेयरकट’ लेना पड़ा है। कई मामलों में तो ऋणदाताओं को अपने बकाया पर 90 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है।

हेयरकट से तात्पर्य ऋणदाताओं को समाधान प्रक्रिया से होने वाले नुकसान से है।

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Web Title: Parliamentary committee suggests setting 'quantum of loss' parameter in insolvency process

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