Online Gaming Bill: 365 दिन में 45 करोड़ गंवा देते हैं 20,000 करोड़ रुपये?, ऑनलाइन ‘रियल मनी’ गेमिंग समाज में बड़ी समस्या

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 20, 2025 17:38 IST2025-08-20T17:37:21+5:302025-08-20T17:38:49+5:30

Online Gaming Bill: सरकार ने लोकसभा में ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन एवं विनियमन) विधेयक, 2025’ पेश किया है जिसमें ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा देने के साथ ही किसी भी प्रकार के धन-आधारित गेमिंग पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा गया है।

Online Gaming Bill 45 crore people lose Rs 20,000 crore in 365 days Online 'real money' gaming is a big problem in society | Online Gaming Bill: 365 दिन में 45 करोड़ गंवा देते हैं 20,000 करोड़ रुपये?, ऑनलाइन ‘रियल मनी’ गेमिंग समाज में बड़ी समस्या

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Highlightsनुकसान कुल मिलाकर करीब 20,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।धन से जुड़ी ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियां समाज के लिए गंभीर समस्या बन चुकी हैं।गेमिंग में लिप्त पाई जाने वाली इकाइयों पर कार्रवाई मुख्य रूप से राज्य सरकारों के सुपुर्द की गई है।

नई दिल्लीः सरकार का अनुमान है कि ऑनलाइन ‘रियल मनी’ गेमिंग में हर साल करीब 45 करोड़ लोग लगभग 20,000 करोड़ रुपये गंवा बैठते हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि सरकार ने यह माना है कि ऑनलाइन ‘रियल मनी’ गेमिंग समाज के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है लिहाजा राजस्व हानि की आशंका के बावजूद लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने का फैसला किया गया है। सूत्र ने कहा, ‘‘एक मोटा अनुमान है कि 45 करोड़ लोग हर साल गेमिंग गतिविधियों में अपने पैसे गंवा देते हैं। यह नुकसान कुल मिलाकर करीब 20,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’

सरकार ने लोकसभा में ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन एवं विनियमन) विधेयक, 2025’ पेश किया है जिसमें ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा देने के साथ ही किसी भी प्रकार के धन-आधारित गेमिंग पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा गया है। इस संबंध में सूत्र ने कहा, ‘‘धन से जुड़ी ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियां समाज के लिए गंभीर समस्या बन चुकी हैं।

हर सांसद ने इसके दुष्प्रभावों पर चिंता जताई है। गेमिंग उद्योग के एक-तिहाई हिस्से से मिलने वाले राजस्व और समाज कल्याण के बीच में से सरकार ने समाज कल्याण को चुना है।’’ सूत्र ने कहा कि विधेयक में धन-आधारित गेमिंग में लिप्त पाई जाने वाली इकाइयों पर कार्रवाई मुख्य रूप से राज्य सरकारों के सुपुर्द की गई है।

विधेयक के प्रावधान का उल्लंघन कर धन-आधारित गेमिंग सेवा उपलब्ध कराने वालों को तीन साल तक की कैद या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसी तरह नियमों के विपरीत विज्ञापन करने वालों के लिए दो साल तक की कैद या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।

सूत्र ने कहा कि कई ऑनलाइन गेमिंग मंच खुद को ‘कौशल का खेल’ बताकर सट्टेबाजी से अलग दिखाने की कोशिश करते हैं। ‘ सूत्र ने कहा, ‘‘जहां तक गेम खेलने वालों का सवाल है तो वो पीड़ित हैं, उन पर कोई दंड नहीं लगेगा। कार्रवाई केवल उन पर होगी जो मंच उपलब्ध कराते हैं या लेन-देन सेवाएं मुहैया कराते हैं।’’

उन्होंने बताया कि विधेयक के तहत ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सामाजिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए बजट, योजनाएं और एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। यह गेमिंग उद्योग के दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है और रोजगार सृजन में मदद करेगा। सूत्र ने बताया कि पिछले साढ़े तीन साल से सरकार प्रयास कर रही थी, लेकिन ‘रियल मनी’ गेमिंग कंपनियां उन्हें दरकिनार कर रही थीं।

सूत्र ने कहा, ‘‘जीएसटी के जरिये भी उन्हें रोकने की कोशिश हुई थी लेकिन उसे भी दरकिनार कर दिया गया। नियामक संस्था का प्रस्ताव भी हितों के टकराव की वजह से आगे नहीं बढ़ पाया। सार्वजनिक और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों के बाद यह विधेयक लाया गया है।’’

इस बीच, धन-आधारित गेमिंग उद्योग से जुड़े संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर चिंता जतायी है कि यह विधेयक रोजगार सृजित करने वाले इस उभरते उद्योग को समाप्त कर देगा। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने इस पत्र में कहा है कि ऑनलाइन स्किल गेमिंग उद्योग का मूल्यांकन दो लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

इसकी वार्षिक आय 31,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। गेमिंग संगठनों के मुताबिक, यह उद्योग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान करता है और 2028 तक इसके दोगुना हो जाने का अनुमान है।

Web Title: Online Gaming Bill 45 crore people lose Rs 20,000 crore in 365 days Online 'real money' gaming is a big problem in society

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