ओएनजीसी की अनुषंगी इकाइयों का कायाकल्प, ओपीएएल पहली बार मुनाफे में आई
By भाषा | Updated: December 19, 2021 16:58 IST2021-12-19T16:58:09+5:302021-12-19T16:58:09+5:30

ओएनजीसी की अनुषंगी इकाइयों का कायाकल्प, ओपीएएल पहली बार मुनाफे में आई
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर भारत के शीर्ष तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी ने अपनी सहायक कंपनियों का तेजी से कायाकल्प किया है और इसकी पेट्रोकेमिकल इकाई भी पहली बार मुनाफा दर्ज करने में सफल रही है।
कंपनी के संयुक्त उद्यम ओएनजीसी पेट्रो एडिशंस लिमिटेड (ओपीएएल) के परिचालन लाभ या एबिटडा में 2016-17 से लगातार सुधार देखने को मिल रहा था, लेकिन पूंजीकरण की प्रारंभिक अवधि के दौरान अधिक ऋण लागत और उच्च मूल्यह्रास के कारण उसे शुद्ध घाटा हो रहा था।
ओएनजीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के दौरान ओपीएएल ने 18 करोड़ रुपये का कर-पश्चात लाभ कमाया।’’
कुमार ने कहा कि ओपीएएल एसईजेड से बाहर निकलने की प्रक्रिया में है, जिससे उसकी लाभप्रदता में प्रति वर्ष 800 करोड़ रुपये का सुधार होगा और यदि सरकार कंपनी को ओएनजीसी की इकाई बनाने या उसके साथ विलय के प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो लगभग 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा।
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने 2002 से 2006 के दौरान मूल्यवर्धन, डाउनस्ट्रीम एकीकरण और अपनी फंसी हुई गैस परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण के लिए कई संयुक्त उद्यमों की स्थापना की थी, जिसमें ओपीएएल, ओएनजीसी मैंगलोर पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (ओएमपीएल) और ओएनजीसी त्रिपुरा पावर कंपनी (ओटीपीसी) शामिल हैं।
कुमार ने कहा कि ओएनजीसी 2040 रणनीति के अनुसार, आगे चलकर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कारोबार से 70 प्रतिशत आय की उम्मीद है और गैर-तेल एवं गैस क्षेत्र का 10 प्रतिशत योगदान हो सकता है। ऐसे में इन संयुक्त उद्यमों की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी।
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