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Omicron In India: कोरोना वायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन अर्थव्यवस्था और विकास के लिए बाधक, रिजर्व बैंक ने देश को किया आगाह

By भाषा | Updated: December 29, 2021 19:27 IST

Omicron In India: रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा कि अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही से मजबूत और जुझारू हो रही है, लेकिन ओमीक्रोन की वजह से भविष्य को लेकर चिंता पैदा हुई है। वित्तीय संस्थान बेहतर बही-खातों, पूंजी तथा नकदी के साथ मजबूत स्थिति में हैं।

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ठळक मुद्देमजबूत पुनरुद्धार निजी निवेश और निजी उपभोग पर निर्भर है।बैंकों का सकल एनपीए सितंबर, 2022 में बढ़कर 8.1 से 9.5 प्रतिशत हो सकता है जो सितंबर, 2021 में 6.9 प्रतिशत था।मुद्रास्फीति चिंता का विषय, खाद्य और ऊर्जा की कीमतों को काबू में रखने के लिये आपूर्ति के मोर्चे में ठोस उपाय करने की जरूरत है।

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे गति पकड़ रही है और मजबूत बनी हुई है, लेकिन बढ़ते मुद्रास्फीति दबाव के साथ कोरोना वायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

रिजर्व बैंक ने यह बात बुधवार को जारी दूसरी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट की प्रस्तावना में रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने लिखा है कि इस साल अप्रैल-मई में विनाशकारी कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद वृद्धि परिदृश्य धीरे-धीरे बेहतर हुआ है।

लेकिन वैश्विक घटनाक्रमों और हाल में सामने आये वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की वजह से अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौती पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि मजबूत और सतत पुनरुद्धार निजी निवेश तथा निजी खपत में तेजी पर निर्भर है। लेकिन दुर्भाग्य से ये दोनों अब भी महामारी-पूर्व स्तर से नीचे हैं।

दास ने स्वीकार किया कि लागत बढ़ने की वजह से उत्पन्न मुद्रास्फीति को लेकर चिंता बनी हुई है। उन्होंने खाद्य और ऊर्जा कीमतों को काबू में लाने के लिये आपूर्ति के मोर्चे पर ठोस उपाय करने का आह्वान किया। गवर्नर ने कहा कि नीति और नियामकीय समर्थन के साथ महामारी के दौरान वित्तीय संस्थान मजबूत बने रहे हैं और वित्तीय बाजारों में स्थिरता रही है।

उन्होंने भरोसा जताया कि पूंजी और नकदी की बेहतर स्थिति के साथ बैंकों का मजबूत बही-खाता भविष्य के झटकों से निपटने में मदद करेगा। दास ने बैंकों के दबाव परीक्षण का हवाला देते हुए आगाह किया कि एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) सितंबर, 2022 में उछलकर 8.1-9.5 प्रतिशत तक जा सकता है जो सितंबर, 2021 में 6.9 प्रतिशत था। उन्होंने वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के साथ मजबूत, टिकाऊ और समावेशी वृद्धि के लिये दृढ़ तथा कुशल वित्तीय प्रणाली सुनिश्चित करने को लेकर रिजर्व बैंक की प्रतिबद्धता को दोहराया।

टॅग्स :ओमीक्रोन (B.1.1.529)बी.1.1529कोविड-19 इंडियाकोरोना वायरस इंडियाइकॉनोमीभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
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