विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच तेल तिलहनों के भाव टूटे

By भाषा | Updated: June 26, 2021 21:00 IST2021-06-26T21:00:37+5:302021-06-26T21:00:37+5:30

Oilseeds prices fell amid decline in foreign markets | विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच तेल तिलहनों के भाव टूटे

विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच तेल तिलहनों के भाव टूटे

नयी दिल्ली, 26 जून विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन तेल, बिनौला, मूंगफली, कच्चा पॉम तेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में हानि दर्ज हुई। कम आवक और मांग होने से सरसों तेल के भाव आयातित तेलों की गिरावट से निष्प्रभावी रहे और अपरिवर्तित रुख लिए बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने बताया कि कल रात से शिकॉगो एक्सचेंज दो प्रतिशत टूटा है जिसकी वजह से लगभग सारे खाद्य तेल के भाव में गिरावट आई है।

उन्होंने कहा कि देश में सरसों की जो मांग 10-15 दिनों में बरसात के दिनों में बढ़ेगी। सरसों की मंडियों में आवक कम है और इस किल्लत की वजह से राजस्थान और उ.प्र. में सरसों मिलें बंद हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि 5-20 बोरी की दैनिक पेराई करने वाले कोल्हुओं की सरसों के एक से सवा लाख लाख बोरी की रोज की मांग है। सलोनी, इंजन, बैल कोल्हु जैसे अन्य बड़े तेल मिलों की रोज की सरसों मांग लगभग डेढ़ लाख बोरी की है। पक्की घानी के सरसों तेल बनाने वाली कंपनियों को रोजाना लगभग दो लाख बोरी सरसों की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में मंडियों में सरसों की आवक काफी कम यानी दो से सवा दो लाख बोरी सरसों की ही है। आने वाले 10-15 दिनों में मांग और बढ़ेगी और आफसीजन होने के कारण मंडियों में सरसों की आवक कम होगी। इस स्थिति के कारण विदेशों में गिरावट के बावजूद सरसों के भाव पूर्ववत बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को सरसों के अगले बिजाई के लिए अभी से सरसों का इंतजाम करना चाहिये जब बाजार में माल है। सरसों की अगली फसल बेहतर होने की संभावना को देखते हुए सरसों बीज का इंतजाम करना जरूरी है नहीं तो ऐन बिजाई के समय सोयाबीन की किल्लत जैसी ही दिक्कत आ सकती है।

सूत्रों ने कहा कि खाद्य नियामक एफएसएसएआई नियमित तौर पर सरसों तेल में मिलावट के खिलाफ लगातार नजर रखे हुये है। एफएसएसएआई के इस कदम से उपभोक्ताओं को शुद्ध सरसों तेल उपलब्ध हो रहा है।

शिकागो एक्सचेंज में गिरावट का असर सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों पर भी दिखाई दिया तथा इन तेलों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। मांग प्रभावित होने से मूंगफली तेल तिलहन और बिनौला तेल कीमतों में भी गिरावट आई।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,275 - 7,325 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,495 - 5,640 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,075 - 2,205 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,300 -2,350 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,400 - 2,500 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,300 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,200 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,350 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,900 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,100 रुपये।

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Web Title: Oilseeds prices fell amid decline in foreign markets

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