बिहार में अब दलहन और तिलहन उत्पादों की खरीद एमएसपी पर होगी, कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय
By एस पी सिन्हा | Updated: June 17, 2025 16:43 IST2025-06-17T16:43:19+5:302025-06-17T16:43:19+5:30
वर्ष 2025-26 से राज्य में दाल और तिलहन फसलों की सरकारी खरीद शुरू करेगी। यानी अब सरसों, चना जैसी फसलों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अधिप्राप्ति होगी। इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और आय में इजाफा होगा।

बिहार में अब दलहन और तिलहन उत्पादों की खरीद एमएसपी पर होगी, कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय
पटना:बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एमएसपी पर दलहन और तिलहन उत्पादों की खरीद को लेकर बड़ा फैसला हुआ। वर्ष 2025-26 से राज्य में दाल और तिलहन फसलों की सरकारी खरीद शुरू करेगी। यानी अब सरसों, चना जैसी फसलों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अधिप्राप्ति होगी। इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और आय में इजाफा होगा। साथ ही राज्य में दाल और तिलहन की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम को राज्य स्तरीय सर्पोटर तथा केन्द्रीय भंडारण के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नैफेड) एवं भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) को नामित कर राज्य अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन एवं तेलहन की अधिप्राप्ति सम्पन्न करने की स्वीकृति दी गई है।
इससे न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर अपने दलहन और तिलहन उत्पादों को किसानों को बेचना सुलभ हो जाएगा। इसके साथ ही बिहार पुलिस की स्पेशल ऑक्ज़िलरी फोर्स (एसएपी) में तैनात भारतीय सेना के रिटायर्ड 1717 जवानों की सेवा अवधि को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। ये फैसला सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ रिटायर्ड सैनिकों को सम्मानजनक अवसर देने की दिशा में अहम है।
इसके साथ ही सरकार ने सोन, कियूल, फल्गु, मोरहर और चानन नदियों में बालू पुनर्भरण की प्रक्रिया का अध्ययन कराने का फैसला किया है। इस कार्य को सीएमपीडीआई संस्था को सौंपा गया है, जिसके लिए ₹2.58 करोड़ की मंजूरी दी गई है। यह अध्ययन राज्य में पर्यावरणीय संतुलन और सतत बालू खनन के लिए अहम साबित हो सकता है।
वहीं, शिक्षा विभाग ने हाई स्कूलों में क्लर्क, लाइब्रेरियन और चपरासी जैसे पदों की बहाली को लेकर नियम तय कर दिए हैं। साथ ही विभागीय निगरानी के लिए तीन सलाहकार भी संविदा पर नियुक्त किए जाएंगे। वहीं, राजगीर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और खेल अकादमी के लिए कोचों की भर्ती को लेकर भी नया कानून पास किया गया है, जिससे खेल क्षेत्र को नई दिशा मिल सकती है।