नयी दिल्ली, 13 अगस्त भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि यदि कंपनियां, प्रवर्तक समूह के सदस्य, निदेशक या अधिकृत व्यक्ति प्रणाली आधारित खुलासा (एसडीडी) व्यवस्था का अनुपालन कर रहे हैं, तो उनके लिए अपने ‘मैनुअल’ तरीके से खुलासे का ब्योरा जमा कराने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी।
प्रणाली आधारित खुलासा (एसडीडी) ढांचे के तहत शेयर बाजारों द्वारा डिपॉजिटरी के डेटा के जरिये बिना मानवीय हस्तक्षेप के संबंधित जानकारी को जुटाया जाता है।
इससे पहले सेबी ने शुक्रवार को कहा था कि एक्सचेंजों तथा डिपॉजिटरी ने उसके द्वारा सितंबर, 2020 में जारी सर्कुलर के आधार पर एसडीडी का क्रियान्वयन किया है।
इसके साथ ही नियामक ने शुक्रवार को वॉरंट उत्पादों के साथ गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सेबी ने निर्गम के एनसीडी हिस्से के लिए इलेक्ट्रॉनिक बुक मंच (ईबीपी) को अनिवार्य कर दिया है।
इस कदम का मकसद एनसीडी हिस्सर जारी करने की प्रक्रिया तथा ईबीपी व्यवस्था को लागू करने की प्रक्रिया को सुसंगत बनाना है।
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