एनएमडीसी के कर्मचारी नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग करने के फैसले के खिलाफ

By भाषा | Updated: November 21, 2021 13:15 IST2021-11-21T13:15:12+5:302021-11-21T13:15:12+5:30

NMDC employees against decision to desegregate Nagarnar Steel Plant | एनएमडीसी के कर्मचारी नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग करने के फैसले के खिलाफ

एनएमडीसी के कर्मचारी नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग करने के फैसले के खिलाफ

नयी दिल्ली, 21 नवंबर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएमडीसी के कर्मचारियों ने सरकार से छत्तीसगढ़ में बस्तर के पास फर्म के निर्माणाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र (एनएसपी) को अलग करने के फैसले की ‘दोबारा समीक्षा’ करने का अनुरोध किया है।

नगरनार संयंत्र के कर्मचारियों की यूनियन के अध्यक्ष संत राम सेठिया ने बताया कि इस संबंध में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने एनएमडीसी कर्मचारियों की ओर से केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह और श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है।

एटक की ओर से 17 नवंबर को लिखे पत्र में सरकार से बस्तर के लोगों के हित में इस मामले की दोबारा समीक्षा की मांग की गई है। पत्र में कहा गया है, ‘‘बेरोजगार युवा, विशेष रूप से आदिवासी एनएमडीसी के इस संयंत्र के जल्द से जल्द चालू होने का इंतजार कर रहे हैं।’’

पत्र के अनुसार, कर्मचारियों ने कहा है कि वे 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से स्थापित किए जा रहे एनएसपी को एनएमडीसी से अलग करने का विरोध करते हैं। संयंत्र के स्तर पर इस मामले में पहले से भारी विरोध हो रहा है। नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के आदिवासी सबसे अधिक विरोध कर रहे हैं।

एनएमडीसी द्वारा संचालित खानों में श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एनएमडीसी संयुक्त खादान मजदूर संघ के सचिव राजेश संधू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोगों के हित में सरकार को इस इकाई को अलग करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।

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Web Title: NMDC employees against decision to desegregate Nagarnar Steel Plant

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