New Income Tax Law: क्या है नया आयकर कानून?, यहां आसान तरीके से जानिए 6 सवाल का जवाब

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 7, 2025 17:01 IST2025-02-07T16:59:05+5:302025-02-07T17:01:00+5:30

New Income Tax Law: वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय पहले ही संकेत दे चुके हैं कि नये विधेयक में प्रावधान और स्पष्टीकरण या लंबे वाक्य नहीं होंगे। यह कर तटस्थ होगा।

New Income Tax Law No new tax easy read understand common man Know answer to every 6 question easy way here | New Income Tax Law: क्या है नया आयकर कानून?, यहां आसान तरीके से जानिए 6 सवाल का जवाब

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Highlightsआयकर कानून की समीक्षा क्यों जरूरी है?वित्त मंत्री ने क्या घोषणा की?आयकर अधिनियम में क्या करने का प्रस्ताव है?

New Income Tax Law: छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेने वाला नया आयकर विधेयक प्रत्यक्ष कर कानूनों को पढ़ने-समझने में आसान बनाएगा, अस्पष्टता दूर करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि विधेयक को बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा और इसे आगे की समीक्षा के लिए वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय पहले ही संकेत दे चुके हैं कि नये विधेयक में प्रावधान और स्पष्टीकरण या लंबे वाक्य नहीं होंगे। यह कर तटस्थ होगा।

इस विधेयक को लाने के पीछे सरकार का इरादा क्या है और करदाताओं के लिए नये कानून के मायने क्या हैं, इसका स्पष्टीकरण इस तरह है-

1. सवाल: आयकर कानून की समीक्षा क्यों जरूरी है?

जवाब: आयकर कानून लगभग 60 साल पहले 1961 में बनाया गया था और तब से समाज में, लोगों के पैसे कमाने के तरीके और कंपनियों के कारोबार करने के तरीके में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। समय के साथ आयकर अधिनियम में संशोधन किए गए। देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में तकनीकी प्रगति और बदलावों को देखते हुए, पुराने आयकर अधिनियम को पूरी तरह से बदलने की सख्त जरूरत है।

2. सवाल: वित्त मंत्री ने क्या घोषणा की?

जवाब: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को अपने बजट भाषण में छह महीने के भीतर आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी। उन्होंने एक फरवरी, 2025 को अपने 2025-26 के बजट भाषण में कहा कि इस विधेयक को चालू बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।

3. सवाल: नये आयकर अधिनियम में क्या करने का प्रस्ताव है?

जवाब: नये कानून के अधिक संक्षिप्त और सरल होने की उम्मीद है, जिसे एक आम आदमी भी समझ सके। सरकार का इरादा इसके आकार को आधा करना और भाषा को सरल बनाना है। इससे मुकदमेबाजी कम करने में भी मदद मिलेगी और इस तरह विवादित कर मांगों में कमी आएगी।

4. सवाल: नया कानून कैसे सरल होगा?

जवाब: आयकर अधिनियम, 1961 प्रत्यक्ष करों - व्यक्तिगत आयकर, कॉरपोरेट कर, प्रतिभूति लेनदेन कर, उपहार और संपत्ति कर के अलावा अन्य करों को लागू करने से संबंधित है। इस समय अधिनियम में लगभग 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं। समय के साथ, सरकार ने संपत्ति कर, उपहार कर, फ्रिंज बेनिफिट कर और बैंकिंग नकद लेनदेन कर सहित विभिन्न शुल्कों को समाप्त कर दिया है। नया अधिनियम उन सभी संशोधनों और धाराओं से मुक्त होगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे कर विशेषज्ञों की सहायता के बिना समझ सकें।

5. सवाल: क्या इसका मतलब आम आदमी पर अधिक कर का बोझ होगा?

जवाब: पूरी संभावना है कि यह पूरी प्रक्रिया राजस्व तटस्थ तरीके से की जाएगी। इसका उद्देश्य भाषा और अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाना होगा। नए आयकर कानून में आयकर दरों में बदलाव की संभावना नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर वित्त अधिनियम के माध्यम से किया जाता है।

6. सवाल: क्या सरकार ने पहले भी नया आयकर कानून लाने के लिए कोई प्रयास किया है?

जवाब: वर्ष 2010 में 'प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक, 2010' संसद में पेश किया गया था। इसे जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजा गया था। हालांकि, 2014 में सरकार बदलने के कारण विधेयक निरस्त हो गया।

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