नई दिल्लीः केंद्र और राज्य सरकारों ने कई डेयरी उत्पादों, उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और कृषि उपकरणों पर कर की दरें कम करने का फैसला किया है। इससे त्योहारों से पहले किसानों और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार को हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में कृषि और डेयरी क्षेत्रों के लिए कर दरों में कटौती को मंजूरी दी गई। आधिकारिक बयान के अनुसार, परिषद ने ‘अल्ट्रा हाई टेम्परेचर’ (यूएचटी) दूध और पनीर पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया। इसके साथ कंडेंस्ड दूध, मक्खन, अन्य वसा और पनीर पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। विभिन्न कृषि उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
इनमें 15 हॉर्स पावर तक की क्षमता के निश्चित गति वाले डीजल इंजन, हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण और स्प्रिंकल के लिए नोजल, मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी मशीनरी, कटाई और थ्रेसिंग मशीन, कंपोस्टिंग मशीन और ट्रैक्टर (1800 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर के लिए ट्रैक्टर को छोड़कर) शामिल हैं।
घटी हुई दरें सेल्फ-लोडिंग कृषि ट्रेलर और ठेलागाड़ियों सहित हाथ से चलने वाले वाहनों पर भी लागू होंगी। इसके अलावा, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया सहित प्रमुख उर्वरक कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने बैसिलस थुरिंजिएंसिस वैरिएंट, ट्राइकोडर्मा हरजियानम, स्यूडोमोनास फ्लोरेसेन्स, नीम आधारित कीटनाशक और सिम्बोपोगन सहित विभिन्न जैव कीटनाशकों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया।
उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के अंतर्गत आने वाले सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ट्रैक्टर के पिछले टायर और ट्यूब, ट्रैक्टर के लिए 250 सीसी से अधिक सिलेंडर क्षमता वाले कृषि डीजल इंजन, ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप और ट्रैक्टर के विभिन्न कलपुर्जों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। इन फैसलों से किसानों की लागत कम होने और आवश्यक डेयरी उत्पाद उपभोक्ताओं के लिए किफायती होने की उम्मीद है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
हरित ऊर्जा परियोजना लगाना होगा सस्ता, उपकरणों पर जीएसटी दरें घटीं
स्वच्छ ऊर्जा परियोजना लगाना सस्ता होने की उम्मीद है क्योंकि हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादों और उपकरणों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। जीएसटी परिषद ने बुधवार को अपनी 56वीं बैठक में ईंधन सेल प्रौद्योगिकी पर आधारित हाइड्रोजन वाहन सहित ईंधन सेल मोटर वाहन, सौर कुकर और सौर वॉटर हीटर और प्रणालियों पर भी शुल्क 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की सिफारिश की।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के अनुसार, ऐसे उत्पादों पर जीएसटी कम करने का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा वस्तुओं को बढ़ावा देना है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की संशोधित दर 22 सितंबर से प्रभावी होगी। दरों को युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया के तहत, केंद्र और राज्यों ने फोटो वोल्टिक सेल (चाहे मॉड्यूल में असेंबल किए गए हों या पैनल में बनाए गए हों), सौर ऊर्जा-आधारित उपकरण, सौर ऊर्जा जनरेटर, पवन चक्की और पवन ऊर्जा संचालित बिजली जनरेटर (डब्ल्यूओईजी) पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की।
इसके अलावा, बायो-गैस संयंत्र, अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने का संयंत्र/उपकरण, सौर लालटेन/सौर लैंप, समुद्री लहरों/ज्वारीय लहरों से ऊर्जा तैयार करने के उपकरणों/संयंत्रों पर शुल्क कम कर दिया गया है। सरकार ने कहा कि ये वस्तुएं पहले से ही उलट शुल्क ढांचे यानी कच्चे माल पर अधिक और तैयार उत्पाद पर कम शुल्क की स्थिति का सामना कर रही थीं।
जीएसटी दर को घटाकर पांच प्रतिशत करने से उलट शुल्क ढांचा और गहरा हो जाएगा, लेकिन उलटे शुल्क ढांचे से उत्पन्न होने वाले रिफंड के लिए व्यवस्था उपलब्ध है। इस बारे में टिप्पणी करते हुए, ओएमसी पावर के सह-संस्थापक और सीईओ रोहित चंद्रा ने कहा, ‘‘यह सुधार समावेशी वृद्धि, ग्रामीण सशक्तीकरण और सतत ऊर्जा समाधानों का रास्ता साफ करता है।
जो भारत के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करेगा।’’ वारी एनर्जीज लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक अमित पैठणकर ने कहा, ‘‘नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादों और उपकरणों पर जीएसटी में कमी से परियोजना लागत कम होगी और भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक क्षमता वृद्धि में तेजी आएगी।’’