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एनबीसीसी, सुरक्षा ने जेपी इंफ्रा के लिए संशोधित बोलियां जमा कीं

By भाषा | Updated: May 19, 2021 19:21 IST

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नयी दिल्ली, 19 मई कर्ज के बोझ तले दबी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के अधिग्रहण की दौड में शामिल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी और निजी क्षेत्र के सुरक्षा समूह ने जेआईएल के अधिग्रहण के वास्ते संशोधित बोलियां जमा करा दी हैं और वित्तीय लेनदारों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सफाई भी दी है।

कंपनियों ने अपनी पेशकश में भी सुधार किया है, जिन्हें मंगलवार को कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को सौंप दिया गया।

सूत्रों ने कहा कि एनबीसीसी ने मध्यरात्रि से ठीक पहले अपनी बोली जमा की, जबकि मुंबई स्थित रियल्टी फर्म सुरक्षा ने मंगलवार दोपहर को अपनी समाधान योजना प्रस्तुत की। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 18 मई थी।

जेआईएल ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया कि अन्य बातों के साथ ही अंतिम समाधान योजना (योजनाओं) पर चर्चा करने के लिए सीओसी की बैठक 20 मई को होगी।

दोनों पक्षों ने कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत बोलियां जमा की हैं।

सूत्रों ने कहा कि एनबीसीसी ने लेनदारों की सहमति पाने के लिए उत्तर प्रदेश में नोएडा और आगरा को जोड़ने वाली यमुना एक्सप्रेसवे सड़क परियोजना के अलावा अतिरिक्त 200 एकड़ जमीन की पेशकश की है।

उन्होंने कहा कि एनबीसीसी पहले ही ऋणदाताओं को 1,903 एकड़ जमीन की पेशकश कर चुकी है, और 200 एकड़ जमीन अतिरिक्त होगी।

इस चौथे दौर की बोली प्रक्रिया में सुरक्षा समूह ने कर्जदाताओं को 2,651 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव रखा है। कुल भूमि में से उसने 1,486 एकड़ भूमि को असहमत रिणदाताओं के लिये रखा है।

सुरक्षा समूह हालांकि यमुना एक्सप्रेसवे को अपने पास रखेगा, जबकि एनबीसीसी सड़क परियोजना के 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बैंक और वित्तीय संस्थानों को सौंप देगी।

सुरक्षा समूह ने 20,000 फ्लैटों के अधूरे कामों को 42 महीनों में पूरा करने की बात कही है। उसने परियोजना के निर्माण के लिए कार्यशील पूंजी के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये कर्ज का प्रस्ताव भी रखा है।

सुरक्षा समूह और सरकारी कंपनी एनबीसीसी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही जेआईएल का अधिग्रहण करने की दौड़ में शामिल है। इसमें उन्हें करीब 20,000 लंबित फ्लैट का निर्माण पूरा कर उन्हें घर खरीदारों को देना है।

गत 15 मई को हुई सीओसी की आखिरी बैठक में वित्तीय रिणदाताओं ने एनबीसीसी और सुरक्षा समूह की नवीनतम बोलियों को लेकर चर्चा की। सीओसी में बैंक और घर खरीददारों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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