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44 साल में चीन ने भारत को पीछे छोड़ दिया, मनमोहन सिंह असाधारण व्यक्ति थे लेकिन न जाने कैसे UPA में सबकुछ ठप पड़ गया: नारायण मूर्ति

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 24, 2022 13:36 IST

नारायण मूर्ति ने कहा कि जब उन्होंने एचएसबीसी (2012 में) छोड़ा, तो बैठकों के दौरान भारत का नाम मुश्किल से ही मिलता था, जबकि चीन का नाम लगभग 30 बार लिया जाता था।

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ठळक मुद्देइंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति IIM अहमदाबाद के छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। नारायण मूर्ति ने छात्रों के संग लन्दन के HSBC के बोर्ड सदस्य के तौर पर अपने अनुभव साझा किया।नारायण मूर्ति ने कहा कि 1978 से 2022 के बीच चीन भारत से छह गुना बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।

अहमदाबाद: आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने शुक्रवार को कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां ठह गईं थीं और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए के दौर में मनमोहन सिंह की सरकार ने समय पर फैसले नहीं लिए। उन्होंने ये भी कहा कि तब फैसले नहीं लिए जा रहे थे। भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) में युवा उद्यमियों और छात्रों के साथ बातचीत के दौरान मूर्ति ने विश्वास व्यक्त किया कि युवा दिमाग भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन का एक योग्य प्रतियोगी बना सकता है।

भविष्य में भारत को वो कहां देखते हैं वाले सवाल पर मूर्ति ने कहा, "मैं लंदन में एचएसबीसी के बोर्ड में हुआ करता था (2008 और 2012 के बीच)। पहले कुछ वर्षों में जब बोर्डरूम (बैठकों के दौरान) में चीन का दो से तीन बार उल्लेख किया जाता था, तो भारत का नाम एक बार उल्लेख किया जाता था। लेकिन दुर्भाग्य से मुझे नहीं पता कि बाद में (भारत के साथ) क्या हुआ। (पूर्व पीएम) मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे और मैं उनके लिए बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन, किसी तरह, भारत ठप हो गया (यूपीए के दौर में)। निर्णय नहीं लिए गए और सब कुछ विलंबित हो गया।"

मूर्ति ने कहा कि जब उन्होंने एचएसबीसी (2012 में) छोड़ा, तो बैठकों के दौरान भारत के नाम का उल्लेख मुश्किल से हुआ, जबकि चीन का नाम लगभग 30 बार लिया गया। उन्होंने आगे कहा, "इसलिए मुझे लगता है कि यह आपकी (युवा पीढ़ी की) जिम्मेदारी है कि जब भी लोग किसी अन्य देश, विशेष रूप से चीन का नाम लेते हैं, तो वे भारत के नाम का उल्लेख करें। मुझे लगता है कि आप लोग ऐसा कर सकते हैं।" 

अपनी बात को जारी रखते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि एक समय था जब अधिकांश पश्चिमी लोग भारत को नीचा देखते थे, लेकिन आज देश के प्रति सम्मान का एक निश्चित स्तर है, जो अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उनके अनुसार 1991 के आर्थिक सुधार जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे और वर्तमान की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'स्टार्टअप इंडिया' जैसी योजनाओं ने देश को जमीन हासिल करने में मदद की है।

मूर्ति ने कहा कि जब मैं आपकी उम्र का था, तो ज्यादा जिम्मेदारी नहीं थी क्योंकि न तो मुझसे और न ही भारत से ज्यादा उम्मीद की जा रही थी। आज उम्मीद है कि आप देश को आगे ले जाएंगे। मुझे लगता है कि आप लोग भारत को चीन का एक योग्य प्रतियोगी बना सकते हैं। चीन ने महज 44 साल में भारत को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि चीन अविश्वसनीय है। यह (चीनी अर्थव्यवस्था) भारत से 6 गुना बड़ा है। 44 साल में 1978 से 2022 के बीच चीन ने भारत को इतना पीछे छोड़ दिया है। छह बार मजाक नहीं है। अगर आप चीजें करते हैं, तो भारत को वही सम्मान मिलेगा जो आज चीन को मिल रहा है।

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