सरसों तेल तिलहन, सोयाबीन दाना में गिरावट, अन्य तेल तिलहनों में सुधार

By भाषा | Updated: December 17, 2020 20:06 IST2020-12-17T20:06:37+5:302020-12-17T20:06:37+5:30

Mustard Oil Oilseeds, Soybean Drain Fall, Other Oil Oilseeds Improve | सरसों तेल तिलहन, सोयाबीन दाना में गिरावट, अन्य तेल तिलहनों में सुधार

सरसों तेल तिलहन, सोयाबीन दाना में गिरावट, अन्य तेल तिलहनों में सुधार

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर विदेशी बाजारों से तेजी के संकेतों के बीच स्थानीय तेल तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सोयाबीन , मूंगफली , सीपीओ और पामोलीन जैसे तेलों के भाव में सुधार आया। इसके विपरीत सरसों तेल व तिलहन में गिरावट आयी। सलोनी मंडी-आगरा में सरसों हाजिर 100 रुपये क्विन्टल दब कर बोली गयी।

बाजार सूत्रों का कहना है कि शिकागो एक्सचेंज में सोयाबीन तेल तेलों कल रात दो प्रतिशत की तेजी रही और मलेशिया एक्सचेंज में पाम आयल 0.25 प्रतिशत तक चढ़ा था। सूत्रों के अनुसार वैसे वैश्विक स्तर पर हल्के तेलों की मांग है पर सोयाबीन डीगम की मांग पहले की तुलना में घटी होने के बावजूद फिलहाल बेपड़ता होने के कारण इसके भाव में सुधार है।

जानकारों के अनुसार विदेशों में साधारण मांग है पर घरेलू बाजार में हल्के तेल की कोई विशेष मांग नहीं है। बावजूद इसके शिकागो एक्सचेंज में तेजी की वजह से स्थानीय बाजार में सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया।

उन्होंने कहा कि विदेशों में सोया खली की मांग घटने से सोयाबीन दाना और लूज की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी।

सूत्रों ने बताया कि किसानों द्वारा कम दाम पर मूंगफली नहीं बेचने के कारण इसके तेल तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।

उन्होंने कहा कि हल्के तेलों में सबसे सस्ता होने के कारण बिनौला तेल की मांग बढ़ने से बिनौला तेल कीमत में सुधार दर्ज हुई।

मलेशिया एक्सचेंज में सुधार आने के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार देखने को मिली।

आगरा की सलोनी मंडी में सरसों के हाजिर भाव में 100 रुपये क्विन्टल की कमी किये जाने से इसके तेल तिलहन कीमतों में गिरावट आई। यहां सरसों का भाव पहले के 6,250 रुपये से घटाकर 6,150 रुपये क्विन्टल कर दिया गया जिससे बाकी स्थानों पर भी सरसों तेल तिलहन कीमतों पर दबाव कायम हो गया।

बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार को तेल तिलहन के मामले में विदेशों पर निर्भरता कम करने तथा विदेशों में हल्के तेलों की बढ़ती मांग को देखते हुए स्थानीय तिलहन उत्पादन को बढ़ाने पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिये क्योंकि इससे भारत को फायदा ही फायदा है। इसके साथ ही सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले स्थानीय तेलों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आयात शुल्क में वृद्धि करने जैसे ठोस उपाय करने होंगे।

उनका कहना है कि सस्ते आयातित तेलों का घरेलू कृषि और उद्योग पर जगह जगह प्रभाव देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में सीतापुर और हरदोई जिले कभी मूंफली की अच्छी खेती के लिए जाने जाते थे। वह मूंफली तेल की इकाइयां थी। पर अब वहां यह उद्योग खत्म हो गया है।

तेल-तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 5,875 - 5,925 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,335- 5,400 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,400 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,100 - 2,160 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,810 -1,960 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,930 - 2,040 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,100 - 15,100 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,700 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,400 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 10,580 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,280 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,250 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 10,750 रुपये।

पामोलीन कांडला- 9,900 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,375 - 4,425 लूज में 4,250- 4,310 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये।

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Web Title: Mustard Oil Oilseeds, Soybean Drain Fall, Other Oil Oilseeds Improve

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