केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (06 नवंबर) होम सेक्टर के लिए नए ऐलान किए है। उन्होंने बताया है कि मोदी सरकार ने रियल एस्टेट में रुकी परियोजनाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की है। वित्तमंत्री ने यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कैबिनेट ने अफोर्डेबल और मिडल इनकम सेक्टर में रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राथमिकता दी और 'स्पेशल विंडो' की स्थापना को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि एक मोटे अनुमान से पता चला है कि 1600 से अधिक आवास परियोजनाएं ठप हैं। इन्हें स्थापित करने के सरकार प्रायोजक के रूप में कार्य करेगी और सरकार द्वारा कुल धन 10000 करोड़ रुपये दिया जाएगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ पंजीकृत श्रेणी-द्वितीय वैकल्पिक निवेश (एआईएफ) फंड के रूप में निधि को रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम एक स्पेशल विंडो के साथ आए हैं, जिसे एक वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में देखा जाएगा। अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं के लिये धन उपलब्ध कराने को लेकर सरकार, एसबीआई, एलआईसी वैकल्पिक निवेश कोष के लिये 25,000 करोड़ रुपये देंगे। वैकल्पिक वित्तपोषण व्यवस्था से कुल 4.58 लाख आवास इकाइयों वाली 1,600 रुकी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि पचीस हजार करेाड़ रुपये के वैकल्पिक कोष से चरणबद्ध तरीके से अटकी परियोजनाओं को कोष उपलब्ध कराया जाएगा, कोष चरण पूरा होने के बाद जारी किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीए घोषित या दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए एनसीएलटी के पास भेजी जा चुकी आवासीय परियोजनाओं का वित्तपोषण भी 25,000 करोड़ रुपये के कोष से किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि स्ते मकानों, मध्यम वर्ग के लिए घरों की अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वैकल्पिक निवेश कोष से प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।