ITR Filing 2025: आईटीआर दाखिल करने में अब बस कुछ ही दिनों का समय बचा है, ऐसे में करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे 15 सितंबर से पहले अपनी कर योग्य आय दाखिल कर दें। समय सीमा चूकने का मतलब यह नहीं है कि आपकी यात्रा समाप्त हो गई है—रिटर्न बाद में भी दाखिल किए जा सकते हैं, लेकिन जुर्माना देना होगा।
15 सितंबर 2025 को समाप्त होने वाली आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की आखिरी तारीख वित्तीय वर्ष 2024-25 (मूल्यांकन वर्ष 2025-26) के लिए उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए है जिनके खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप इस तारीख को चूक जाते हैं, तो इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हालांकि, आपके पास अभी भी इसे ठीक करने के विकल्प मौजूद हैं।
जुर्माने और शुल्क
देर से फाइलिंग शुल्क - धारा 234F:
अगर आपकी कुल आय ₹5 लाख से अधिक है, तो आपको ₹5,000 का विलंब शुल्क देना होगा।
अगर आपकी कुल आय ₹5 लाख तक या उससे कम है, तो यह शुल्क ₹1,000 तक सीमित रहेगा।
अपवाद: अगर आपकी कुल आय मूल छूट सीमा से कम है (यानी, आप पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती), तो आपको कोई विलंब शुल्क नहीं देना होगा।
बकाया कर पर ब्याज - धारा 234A:
अगर आपका कोई टैक्स बकाया है और आप समय पर ITR फाइल नहीं करते हैं, तो आपको उस बकाया राशि पर 1% प्रति माह की दर से साधारण ब्याज देना होगा।
यह ब्याज फाइलिंग की नियत तारीख (15 सितंबर 2025) से लेकर आपके रिटर्न फाइल करने की वास्तविक तारीख़ तक लगाया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण परिणाम
1- घाटे को आगे ले जाने की अनुमति नहीं: अगर आपको किसी व्यवसाय या पूंजीगत लाभ (capital gains) में कोई घाटा हुआ है, तो आप इसे भविष्य के वर्षों में समायोजित (adjust) या आगे नहीं ले जा सकते। हालांकि, हाउस प्रॉपर्टी से हुए घाटे को आगे ले जाने की अनुमति है।
2- रिफंड में देरी: यदि आपको टैक्स रिफंड मिलना है, तो देरी से ITR फाइल करने पर रिफंड की प्रक्रिया में भी देरी होगी।
3- जांच का जोखिम: देर से रिटर्न फाइल करने से आयकर विभाग की जांच का जोखिम बढ़ जाता है।
4- कुछ कटौतियों का नुकसान: कुछ प्रकार की कटौतियों और छूटों का दावा केवल तभी किया जा सकता है जब ITR को नियत तारीख़ तक फाइल किया जाए।
क्या है ऑप्शन
अगर आप 15 सितंबर 2025 की आखिरी तारीख़ चूक जाते हैं, तो भी आप अपना ITR फाइल कर सकते हैं।
देरी से रिटर्न फाइल करना- धारा 139(4):
आप 31 दिसंबर 2025 तक अपना "देरी से रिटर्न" फाइल कर सकते हैं।
यह रिटर्न भी सामान्य ITR की तरह ही होता है, लेकिन इस पर ऊपर बताए गए विलंब शुल्क और ब्याज लागू होते हैं।
अपडेटेड रिटर्न - धारा 139(8A):
अगर आप 31 दिसंबर 2025 तक भी रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं, तो आपके पास संबंधित मूल्यांकन वर्ष के अंत से 2 साल के भीतर, यानी 31 मार्च 2028 तक एक "अपडेटेड रिटर्न" फाइल करने का विकल्प होता है।
अपडेटेड रिटर्न फाइल करने पर अतिरिक्त टैक्स भी देना होता है। यह टैक्स बकाया टैक्स और ब्याज की कुल राशि का 25% से 50% तक हो सकता है।
ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख़ को चूकना एक महंगा और जोखिम भरा कदम हो सकता है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप नियत तारीख़ से पहले ही अपना ITR फाइल कर दें। अगर किसी कारणवश आप चूक जाते हैं, तो तुरंत देरी से रिटर्न फाइल करने का विकल्प चुनें ताकि आप भारी जुर्माने और अन्य गंभीर परिणामों से बच सकें।