Micron semiconductor: गुजरात में सेमीकंडक्टर परीक्षण एवं असेंबली संयंत्र, कुल 2.75 अरब डॉलर का होगा निवेश, 5000 लोगों को नौकरी, अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने की बड़ी घोषणा
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 22, 2023 17:46 IST2023-06-22T17:15:55+5:302023-06-22T17:46:38+5:30
Micron semiconductor: कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली एवं परीक्षण संयंत्र लगाएगी जिसपर कुल 2.75 अरब डॉलर (22,540 करोड़ रुपये) का निवेश होगा।

PM Modi in Washington DC
Micron semiconductor: सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने बड़ी घोषणा कर दी। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन गुजरात में सेमीकंडक्टर परीक्षण एवं असेंबली संयंत्र लगाएगी, कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा।
माइक्रोन सेमीकंडक्टर परीक्षण और असेंबली संयंत्र पर 82.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी, बाकी वित्त का इंतजाम सरकार करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में आने का न्योता दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री ने एप्लाइड मैटेरियल्स को भी प्रक्रिया प्रौद्योगिकी और आधुनिक पैकेजिंग क्षमताओं के विकास के लिए भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया है।
Micron semiconductor test, assembly plant to be set up in Gujarat with total investment of USD 2.75 billion: Company statement
— Press Trust of India (@PTI_News) June 22, 2023
अमेरिकी कंपनी ने कहा कि सरकार की संवर्द्धित असेंबली, परीक्षण, मार्किंग एवं पैकेजिंग (एटीएमपी) योजना के तहत इस संयंत्र को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार परियोजना की कुल लागत के 50 प्रतिशत हिस्से का वित्तीय समर्थन देगी जबकि 20 प्रतिशत राशि गुजरात सरकार की तरफ से दी जाएगी।
माइक्रोन ने कहा, ‘‘गुजरात में इस असेंबली एवं परीक्षण संयंत्र का चरणबद्ध निर्माण वर्ष 2023 में ही शुरू हो जाने की उम्मीद है। पहले चरण में पांच लाख वर्ग फुट क्षेत्र विकसित किया जाएगा और वर्ष 2024 के अंत तक इसका परिचालन शुरू हो जाएगा।’’
सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माता ने कहा कि इस संयंत्र की स्थापना से करीब 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा जबकि 15,000 लोगों को अगले कई साल तक परोक्ष रोजगार मिलता रहेगा। माइक्रोन ने कहा, ‘‘नए संयंत्र में डीआरएएम और एनएएनडी दोनों उत्पादों की असेंबली एवं परीक्षण विनिर्माण हो सकेगा और स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों से आने वाली मांग भी पूरी की जा सकेगी।’’
भारत उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न हिस्सों में प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करता है, जिसकी वजह से विदेशी कंपनियां भारत में निवेश के अवसर तलाश रही हैं। मोदी ने यहां एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गैरी ई डिकर्सन के साथ बैठक में भारत में कुशल कार्यबल बनाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ कंपनी के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोन टेक्नोलॉजी को आमंत्रित किया है।’’ माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मेहरोत्रा ने मोदी के साथ बैठक के बाद कहा, ‘‘हम भारत में बड़े अवसरों की उम्मीद करते हैं। माइक्रोन मेमोरी और स्टोरेज में वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनी है। हम सभी बाजारों में मेमोरी और स्टोरेज के आपूर्तिकर्ता हैं।’’
प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात के बाद डिकर्सन ने कहा कि यह भारत के लिए अविश्वसनीय वृद्धि का समय है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जबर्दस्त सफलता हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री और भारत के सभी लोगों के साथ मिलकर काम करने को लेकर बहुत उत्सुक हैं।’’
जनरल इलेक्ट्रिक के सीईओ एच लॉरेंस कल्प के साथ बैठक में मोदी ने कंपनी को भारत के विमानन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया। बयान में कहा गया है कि मोदी ने भारत में विनिर्माण की दीर्घावधि की प्रतिबद्धता के लिए जीई की सराहना की।
भारत सरकार देश में सेमीकंडक्टर विकास को प्रोत्साहन दे रही है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) की भी घोषणा की गई है। वैश्विक कंपनियां सेमीकंडक्टर के लिए भारत को एक व्यवहार्य निवेश गंतव्य के रूप में देख रही हैं। भारत खुद को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर के लिए एशिया में सबसे आकर्षक स्थलों में से एक के रूप में स्थापित कर रहा है।
वर्ष 2021 में भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य 27.2 अरब डॉलर था और सालाना 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2026 तक इसके 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित करना एक ऊंची विशेषज्ञता वाला जटिल और महंगा काम है।
प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन पहुंचे हैं। न्यूयॉर्क में उन्होंने नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी, राजनयिक और दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं।