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कई बड़ी कंपनियों को नहीं मिलेगा कारपोरेट टैक्स में कटौती का ज्यादा फायदा, पहले से दिखाई थी होशियारी!

By आदित्य द्विवेदी | Updated: September 21, 2019 08:59 IST

निर्मला सीतारमण की घोषणा के अनुसार पुरानी कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की जो दर पहले 34.94 प्रतिशत थी वो अभ घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा नई कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की दर 29.12 प्रतिशत से घटाकर 17.01 प्रतिशत कर दी गई है।

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ठळक मुद्देवित्त मंत्री के मुताबिक कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर छूट से मेक इन इडिया‍ में निवेश आएगा, रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घरेलू कंपनियों के कारपोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया है। इससे बाजार में रौनक आ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कई कंपनियों की नेट इनकम में इजाफा होगा जिससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन देश की कई बड़ी फर्म और आईटी कंपनियां ऐसी भी हैं जिन्हें कारपोरेट टैक्स में कटौती का ज्यादा फायदा नहीं होगा।

निर्मला सीतारमण की घोषणा के अनुसार पहले से चल रही कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की जो दर पहले 34.94 प्रतिशत थी वो अभ घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा नई कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की दर 29.12 प्रतिशत से घटाकर 17.01 प्रतिशत कर दी गई है। ये बदलाव 1 अप्रैल 2019 से अध्यादेश के जरिए लागू किए गए हैं।

क्यों नहीं होगा कई कंपनियों को फायदा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कई कंपनियों के साल 2019 में जो कारपोरेट टैक्स जमा किया है वो या तो 25 प्रतिशत से कम है या कुछ ज्यादा है। इसमें रिलायंस और टीसीएस जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2019 में 25.76 प्रतिशत टैक्स दिया और टीसीएस ने 26.13 प्रतिशत। इसी तरह विप्रो, इन्फोसिस और एससीएल के टैक्स की दरें भी 25.17 प्रतिशत के आस-पास हैं। इसलिए वित्त मंत्री की घोषणा का इन्हें ज्यादा लाभ नहीं होगा।

हालांकि दूसरी तरफ कई कंपनियां ऐसी भी हैं जिन्हें इस कदम का भरपूर फायदा मिलेगा। इसमें बजाज फिन्सर्व, एसडीएफसी, कोटक महिंद्रा इत्यादि शामिल हैं।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की पांच बड़ी घोषणाएंः-

1. निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में नई व्यवस्था की पहली की गई है। यह 2019-20 से लागू होगा। इसके तहत 1 अक्टूबर, 2019 को या इसके बाद की घरेलू कंपनियां जो मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में नया निवेश कर रही है, उनके पास आयकर 15 प्रतिशत की दर से भुगतान करने का विकल्प होगा।'

2. सीतारमण ने कहा, 'जो कंपनियां 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुन रही हैं, उन्हें न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी।'

3. सीतारमण ने कहा कि प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित अतिरिक्त अधिशेष लागू नहीं होगा।

4. निर्मला सीतारमण ने कहा, 'कंपनियों को राहत देने के लिए हम मिनिमम अलटर्नेट टैक्स (MAT) की राहत भी देने जा रहे हैं। MAT रेट को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। 

5.  वित्तमंत्री ने एक और राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी धनाढ्य-उपकर नहीं देना होगा। कंपनियों को अब दो प्रतिशत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) इनक्यूबेशन, आईआईटी, एनआईटी और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं पर खर्च करने की भी छूट दी गयी है।

वित्त मंत्री के मुताबिक कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर छूट से मेक इन इडिया‍ में निवेश आएगा, रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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