Maiya Samman Yojana: बड़ा ‘खेल’?, मुर्दों के खाते में खटाखट पैसा ट्रांसफर, कई मेल उठा रहे लाभ और पश्चिम बंगाल की महिलाओं के खाते में भी दनादन पैसे!

By एस पी सिन्हा | Updated: July 19, 2025 15:57 IST2025-07-19T15:56:15+5:302025-07-19T15:57:02+5:30

Maiya Samman Yojana: नावाडीह पंचायत के पंचायत सेवक मनीष कुमार सिंह ने बताया कि उर्मिला देवी की मौत तीन साल पहले हुई है।

Maiya Samman Yojana Big game Money transferred dead people’s accounts mails reaping benefits lots money transferred accounts women West Bengal too | Maiya Samman Yojana: बड़ा ‘खेल’?, मुर्दों के खाते में खटाखट पैसा ट्रांसफर, कई मेल उठा रहे लाभ और पश्चिम बंगाल की महिलाओं के खाते में भी दनादन पैसे!

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Highlightsमृत होने के बावजूद खाते में राशि कैसे भेजी गई। 25-30 हजार से ज्यादा मम्माले सामने आ सकते हैं। 15 से 17 हजार लाभुक 50 वर्ष की उम्र सीमा पूरा होने से योजना से बाहर हो रही हैं।

रांचीः झारखंड में मंईयां सम्मान योजना में बड़ा ‘खेल’ सामने आया है, जहां मुर्दों के खाते में भी खटाखट पैसे जा रहे थे। यही नहीं कई पुरुषों ने भी इस योजना का लाभ उठाया है। इसके साथ ही झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल की महिलाओं के खाते में भी दनादन पैसे जाने का मामला सामने आया है। उदाहरण के लिए रामगढ़ प्रखंड की नावाडीह पंचायत में मृत महिला उर्मिला देवी और एक अन्य महिला के खाते में मंईयां सम्मान योजना की राशि गई है। इस संबंध में नावाडीह पंचायत के पंचायत सेवक मनीष कुमार सिंह ने बताया कि उर्मिला देवी की मौत तीन साल पहले हुई है।

उन्होंने कहा कि एक और अन्य महिला की भी मौत हुई है। इसकी जांच की जा रही है कि मृत होने के बावजूद उसके खाते में राशि कैसे भेजी गई। जानकारों की मानें तो ऐसे करीब करीब 25-30 हजार से ज्यादा मम्माले सामने आ सकते हैं। इसकी जांच कराई जा रही है| उधर, हर माह लगभग 15 से 17 हजार लाभुक 50 वर्ष की उम्र सीमा पूरा होने से योजना से बाहर हो रही हैं।

बता दें कि योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक है कि महिला झारखंड की निवासी हो और महिला की उम्र 18 से 50 वर्ष तक हो। उनका आधार से जुड़ा सिंगल बैंक खाता हो और मतदाता पहचान पत्र व आधार कार्ड हो। आवेदिका का परिवार झारखंड राज्य की अंत्योदय अन्न योजना के तहत राशन कार्ड धारक हो।

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की 54 लाख महिला लाभार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। इस बीच जांच के दौरान पता चला है कि 1050 ऐसे अयोग्य लाभुक हैं, जो दूसरी पेंशन मद से पैसा ले रहे हैं। वहीं, पलामू जिला प्रशासन ने 2750 ऐसे लोगों को चिह्नित किया है, जिनके द्वारा दो अकाउंट के नाम से फॉर्म जमा किया था।

वहीं, बोकारो के कसमार प्रखंड के प्रज्ञा केंद्र के ऑपरेटर मझुरा के गांव के आनंद कुमार प्रजापति ने अपने नाम से आवेदन कर मईया सम्मान योजना की राशि ले ली। उधर, पोटका प्रखंड के चाकड़ी पंचायत से चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी यहां आठ मुस्लिम लाभार्थियों के नाम सूची में शामिल हैं, जिनमें एक पुरुष भी है।

सत्यापन में खुलासा हुआ कि इनके मोबाइल नंबर बंगाल के हैं और योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी राशन कार्ड का सहारा लिया जा रहा है। कई अन्य परिवारों के नाम भी पंचायत से असंबद्ध पाए गए, जिससे फर्जीवाड़े का जाल बंगाल तक फैलने की आशंका जताई जा रही है।

इस संबंध में चाकड़ी पंचायत की मुखिया संगीता सरदार ने स्पष्ट किया कि उनके क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, परंतु सत्यापन सूची में आठ मुस्लिम नाम शामिल हैं। इनमें रश्मिना खातून, रेजिना खातून, शबनम बानो, नूर सबा बेगम, अलीमा अंदेरा, अंजुमा बेगम, शहनाज परवीन और सबसे आश्चर्यजनक रूप से एक पुरुष मोहम्मद अब्दुल हमीद शामिल हैं।

यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए है, ऐसे में पुरुष का लाभार्थी होना गंभीर अनियमितता को दर्शाता है। सत्यापन के दौरान 198 लाभार्थियों की सूची जांच के लिए पंचायत को भेजी गई। मुखिया ने जब इन लाभार्थियों के मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने का प्रयास किया तो अधिकांश नंबर पश्चिम बंगाल के निकले। कुछ अन्य नंबर भी झारखंड से बाहर के राज्यों से संबंधित पाए गए।

यह खुलासा करता है कि फर्जी राशन कार्ड और गलत पहचान के आधार पर लाभ उठाया जा रहा है। मुखिया संगीता सरदार ने बताया कि पंचायत में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया उनकी देखरेख में हुई थी, परंतु इन असंबद्ध नामों का समावेश कैसे हुआ, यह रहस्य बना हुआ है। दूसरी ओर 20 लाख से अधिक महिलाएं अब भी राशि के इंतजार में बैठी हैं।

हकीकत यह भी है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी रांची के हेहल अंचल कार्यालय में मंईयां योजना का फॉर्म जमा करने पहुंचीं कई महिलाओं ने सरकार के सिस्टम के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि एक बार नहीं, बल्कि तीन-तीन बार आवेदन जमा करने के बावजूद उनके खाते में पैसे नहीं आए हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य में मंईयां सम्मान योजना पिछले वर्ष शुरू की गयी थी. इसके तहत प्रारंभ में महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह दिये जाते थे। राज्य सरकार ने इसे बाद में बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह कर दिया। हालांकि, जो महिलाएं 50 वर्ष की उम्र सीमा पूरा होने से मंईयां योजना से बाहर हो रही हैं। उन्हें सर्वजन पेंशन का लाभ मिलेगा।

इस बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर मंईयां सम्मान योजना के नाम पर बहन-बेटियों को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह योजना लूट के केन्द्र बना हुआ है। इसमें बडे पैमाने पर फर्जीवाड़ा किए जाने की बात सामने आती रही हैं उन्होंने हेमंत सरकार पर आदिवासियों को भी छलने का आरोप लगाया।

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