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डिस्कॉम को 90,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान ठीक नहीं: बिजली मंत्रालय

By भाषा | Updated: August 18, 2021 23:43 IST

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केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने कहा है कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को 90,000 करोड़ रुपये के नुकसान की जो अटकलें लगाई जा रही हैं वह सही नहीं हैं। मंत्रालय ने कहा कि नुकसान का अनुमान ‘जरूरत से ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर’ बताया जा रहा है। हाल में इस तरह की कुछ खबरें आई थीं जिनमें कहा गया था कि वित्त वर्ष 2020-21 में बिजली वितरण कंपनियों का नुकसान 90,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। मंत्रालय ने कहा कि ये अटकलें रेटिंग एजेंसी इकरा द्वारा बिजली क्षेत्र पर मार्च, 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थीं। मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा कि इस रिपोर्ट में 2018-19 में 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया गया है। वहीं 2019-20 में नुकसान के बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में इसी आधार पर 2020-21 में डिस्कॉम के कुल घाटे को 90,000 करोड़ रुपये बताया गया है। मंत्रालय ने कहा कि नुकसान के बढ़कर उच्चस्तर पर पहुंचने की अटकलों के पीछे एक वजह 2020-21 में कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के चलते बिजली की बिक्री में गिरावट को बताया गया है। रिपोर्ट में मार्च, 2020 से दिसंबर, 2020 में डिस्कॉम पर ऋणदाताओं के बकाये में 30,000 करोड़ रुपये की वृद्धि का भी उल्लेख किया गया है। मंत्रालय ने कहा 30,000 करोड़ रुपये की यह वृद्धि नकदी प्रवाह की समस्या है। इसे सीधे डिस्कॉम के भुगतान की जाने वाली राशि में जोड़ लिया गया और 2019- 20 के मुकाबले 2020- 21 में सीधे वितरण कंपनियों के अतिरिक्त नुकसान में दिखा दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि इकरा के इसी तरह के त्रुटिपूर्ण अनुमान की वजह से नुकसान के आंकड़े को 90,000 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया गया है, जो काफी बढ़ाकर दिखाया गया लगता है। इकरा ने एक विस्तृत बयान में कहा है कि उसकी मार्च, 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में डिस्कॉम का शुद्ध नुकसान 56,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। ‘‘हम वित्त वर्ष 2019-20 के नुकसान के अनुमान को बिजली मंत्रालय के वित्त वर्ष के लिए नुकसान के अनुमान से तभी मिलान कर पाएंगे जबकि पीएफसी द्वारा तैयार विस्तृत लेखा उपलब्ध होगा।’’ इसके अलावा इकरा ने कहा कि रिपोर्ट में 2020- 21 के लिये अनुमान लगाया गया है कि डिस्कॉम के लिए राजस्व अंतर बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। इसकी वजह कोविड-19 के चलते ऊंचा भुगतान करने वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक ग्राहकों की मांग में कमी है। इकरा ने कहा है कि राज्य सरकारों द्वारा अतिरिक्त राजस्व समर्थन के तौर पर कंपनियों को मुआवजा दिया जा सकता है जिससे कि उनका बुक घाटा कम हो और भी कुछ तरीके हैं जिससे घाटे का यह अनुमान कम रह सकता है। एजेंसी ने कहा है, ‘‘यह नोट किया जाना चाहिये कि रिपोर्ट में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020- 21 में बुक घाटा 90,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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